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यमुनानगर: टूटी टीन के नीचे रह रहे तीन गरीब परिवारों का मेयर बनवाएंगे आशियाना - यमुनानगर मेयर घर दिए

आजाद नगर में जमीन के नीचे पॉलिथीन डाल कर रह रहे परिवार को मेयर मदन चौहान ने घर देने का फैसला किया है. उन्होंने इसके लिए अधिकारियों को निर्देश भी दे दिए हैं.

yamunanagar mayer will provide houses for three poor families
टूटी टीन के नीचे रह रहे तीन गरीब परिवारों का मेयर बनवाएंगे आशियाना

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Published : Jan 21, 2021, 9:51 PM IST

यमुनानगर:आजाद नगर की गली नंबर 4 में खंडहर बन चुके मकान में जान जोखिम में डालकर रह रहे तीन परिवारों के आशियाने का सपना जल्द पूरा होगा. ये परिवार लगभग 20-25 साल से यहां खंडहर हो चुके मकान में टूटी टीनों के नीचे लगभग चार फुट गहराई में रह रहे हैं. ये मकान न तो बारिश झेल पाते हैं और न ही यहां रह रहे परिवार सर्दी से बच पाते है.

बीती 19 जनवरी को मेयर मदन चौहान ने जब आजाद नगर की गली नंबर चार का दौरा किया. तो परिवार की हालत के बारे में पता चला. वीरवार को फिर नगर निगम मेयर मदन चौहान यहां पहुंचे और खंडहर हो चुके इस घर का निरीक्षण करने के बाद मेयर मदन चौहान जल्द ही उनके लिए पक्की छत का घर बनवाने का आश्वासन दिया. घर में शौचालय बाथरूम, रसोई व अन्य सुविधाएं दी जाएगी.

टूटी छत पर पॉलिथीन डालकर रहता है परिवार

बता दें कि, नगर निगम के वार्ड नंबर 10 के आजाद नगर की गली नंबर चार में अखिलेश, कमल और राकेश के परिवार लगभग 20-25 साल से यहां रह रहे हैं. काफी समय से घर खंडहर पड़े हैं. वीरवार को जब मेयर मदन चौहान यहां पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि एक परिवार टूटी छत पर पॉलिथीन की छत के नीचे बैठा हुआ था. यहीं पर बैठकर एक महिला खाना बना रही थी. सोने के लिए जो बेड था, वो मिट्टी में काफी धंस चुका था.

जल्द ही उनके लिए अच्छा व पक्का मकान बनवाएंगे: मेयर

मेयर मदन चौहान नीचे बैठकर इस खंडहर हो चुके मकान के अंदर गए तो परिवार की ये दुर्दशा देख काफी हैरान रह गए. इसी तरह दूसरे परिवार व तीसरे परिवार की दशा थी. इन दयनीय हालत में परिवार को देख मेयर मदन चौहान ने कहा कि वे जल्द ही उनके लिए पक्का व अच्छा मकान बनवाएंगे. उन्होंने अधिकारियों को भी इस तरह के परिवारों को सरकार की योजनाओं को लाभ दिलाने का आह्वान किया. मेयर मदन चौहान ने कहा कि इस तरह के कार्यों के लिए सामाजिक संस्थाओं को भी आगे आना चाहिए.

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दिहाड़ी कर परिवार का पेट पालता है परिवार

वहीं अखिलेश, राकेश और कमल ने बताया कि वे मेहनत मजदूरी करके परिवार को पालन पोषण करते हैं. कभी दिहाड़ी लग जाती है, कभी नहीं. आर्थिक हालत इतने तंग है कि वे अपने परिवार को गुजारा भी मुश्किल से कर पाते हैं. मंहगाई के इस दौर में पक्का मकान बनाने की हिम्मत हीं नहीं हो पा रही है. लॉकडाउन से उनकी दशा और खराब हो गई. मकान बनाने के लिए अनुदान के लिए कई बार आवेदन किया, लेकिन उनका नाम लिस्ट में ही नहीं आता. उन्होंने मकान बनाने के लिए मेयर मदन चौहान का आभार जताया.

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