यमुनानगरःयमुनानगर की अनाज मंडी में लगभग सभी किसानों की धान पहुंच चुकी है, इक्का-दुक्का किसान ही अब मंडियों में आ रहे हैं. वहीं ईटीवी भारत की टीम ने जब यमुनानगर की अनाज मंडी का जायजा लिया तो मंडी में इंतजाम तो पर्याप्त नजर आए, लेकिन किसानों को फसल का उचित दाम ना मिलने से किसान सरकार से हताश और नाराज नजर आए.
सरकार से नाराज किसान
केंद्र और प्रदेश की सरकारें भले की खुद को किसान हितैषी बतातीं हो और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करतीं हो. लेकिन मंडी में मिले किसान सरकार से बिल्कुल नाराज दिखे और मौजूदा सरकार को किसान विरोधी बता रहे थे.
यमुनानगरः 2022 तक कैसे दोगुनी होगी किसानों की आय, जब MSP से भी कम मिलेंगे दाम, देखिए रिपोर्ट. ये भी पढ़ेंः- 15 दिसंबर से 30 जनवरी तक चलेंगे भाजपा संगठन के चुनाव, ये होगी पूरी प्रक्रिया
MSP भी नहीं मिल रही किसानों को
किसानों ने बताया के तैयार मोटी जीरी का रेट 1835 रुपये निर्धारित किया गया है, लेकिन आढ़ती मुश्किल से 1500 या 1600 रुपये में जीरी खरीद रहे हैं. कभी नमी के नाम पर पैसे काट लिए जाते हैं, तो कभी किसी और कारण से. महीन धान के रेट भी पिछले साल के मुकाबले डेढ़ से दो गुने तक कम मिल रहे हैं. जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने दिया 'सरकारी' जवाब
किसानों का कहना है कि मजदूरी, खाद और दवाईयों के दाम पिछले साल के मुकाबले काफी बढ़ गए हैं और मंडियों में फसल के जो दाम मिल रहे हैं, उससे खेती की लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है.
वही जब मामले को लेकर जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी राजेश आर्य ने कहा कि मंडियों में किसानों को किसी तरह की परेशानी ना आए उसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. किसानों को कम लागत मिलने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर उनके पास ऐसी कोई लिखित में शिकायत आती है तो उस पर कार्रवाई करते हुए सरकार को भेजा जाएगा.