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यमुनानगर के पिंकी हत्याकांड के दोषी को उम्रकैद और 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा - यमुनानगर के पिंकी हत्याकांड के दोषी को उम्रकैद

रघुनाथपुरी कॉलोनी में रहने वाली पिंकी के दोषियों को सजा मिल गई है. पिंकी की हत्या के दोषी कमल कपूर को एडिशनल सेशल जज ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर कोर्ट ने 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

Yamunanagar convict of Pinki murder case sentenced to life imprisonment and fine of Rs 40 thousand
यमुनानगर के पिंकी हत्याकांड के दोषी को उम्रकैद और 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा

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Published : Mar 18, 2021, 5:59 PM IST

यमुनानगर:जिले केरघुनाथपुरी कॉलोनी में रहने वाली पिंकी के दोषी को सजा मिल गई है. पिंकी की हत्या के दोषी कमल कपूर को एडिशनल सेशल जज ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर कोर्ट ने 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

पिंकी की 8 गोलियां मारकर हत्या की गई

14 अप्रैल 2018 को रघुनाथपुरी कॉलोनी में रहने वाली महिला पिंकी की 8 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या करने के बाद आरोपी जगाधरी निवासी कमल कपूर फरार हो गया. वारदात को महिला के घर पर ही रात 11.30 बजे अंजाम दिया गया था. पुलिस ने कमल कपूर पर मृतका के भाई राजू की शिकायत के आधार पर हत्या का केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था.

यमुनानगर के पिंकी हत्याकांड के दोषी को उम्रकैद

तब कहा गया था कि कमल का पिछले कई माह से पिंकी के घर पर आना जाना था. 14 अप्रैल की शाम को वह पिंकी के घर आया था और देर रात तक वहीं पर रहा. घर में महिला का 10 वर्षीय बेटा कपिल, 16 वर्षीय बेटी टीना और भाई राजू एक कमरे में बैठकर टीवी देख रहे थे. वहीं ड्राइंग रूम में पिंकी और कमल बैठे थे. रात करीब साढ़े 11 बजे दोनों के बीच कहासुनी हुई और गोलियों की आवाज सुनकर बच्चे कमरे से बाहर आए तो देखा कि ड्राइंग रूम का दरवाजा अंदर से बंद था.

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बच्चों ने किसी तरह दरवाजे का शीशा तोड़ा और देखा कि उनकी मां खून से लथपथ पड़ी थी और कमल के हाथ में पिस्तौल थी. इसके बाद कमल मौके से फरार हो गया था. पिंकी को प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया, जहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.

तब पिंकी के शरीर में आठ गोलियां लगी थी. तब से मामला कोर्ट में चल रहा था. कोर्ट ने कमल कपूर को दोषी करार दिया था. उप जिला न्यायवादी सुरजीत आर्य ने बताया इस मामले में पुलिस की जांच सटीक थी. वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर कोर्ट ने सजा सुनाई है. लगभग तीन साल से कोर्ट में ये सुनवाई चल रही थी.

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