यमुनानगर: स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत अब जिले की ग्राम पंचायतों में अलग से एक-एक कर्मचारी नियुक्त होगा. खंड छछरौली और प्रतापनगर से इसकी शुुरुआत होगी. इसका उद्देश्य ग्राम पंचायतों में ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन के कार्यों को प्रभावी तरीके से करवाना है.
ये कर्मचारी गांव में ठोस कचरा, पाेलीथीन, प्लास्टिक इत्यादि को व्यवस्थित तरीके से शेडों में एकत्रित करेगा. जिन पंचायतों में अभी तक शेड नहीं बनाया गया है, उन पंचायतों में पंचायती भूमि पर सुरक्षित व उपयुक्त स्थान पर एकत्रित किया जाना है.
अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी सेप्टिक टैंक मालिकों पर भी शिंकजा कसना शुरू कर दिया है. सभी को निर्देश जारी किए गए हैं. सेप्टिक टैंक से निकलने वाले मानवमल के निपटान के लिए जो असुरक्षित स्थानों पर डालते थे, उन पर सरकार के प्रावधानों अनुसार नियमों के अनुरुप कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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स्वच्छ भारत मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर बलिंद्र कटारिया का कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है. ठोस कचरा प्रबंधन के साथ-साथ तरल कचरे के प्रबंधन पर भी जोर है. ग्राम पंचायतों को जीरो वेस्ट करने की शुरुआत हो चुकी है. सभी पंचायातों में अलग-अलग तरह के कचरे की छंटनी की जाएगी.