चंडीगढ़:भारत में नदियां सिर्फ पानी का स्त्रोत नहीं बल्कि आस्था का प्रतीक भी हैं. लेकिन जैसे-जैसे समय बदल रहा है वैसे-वैसे नदियों और नहरों की उपेक्षा हो रही है. नदियों और नहरों में गंदे नालों का पानी बहता दिख रहा है. यमुनानगर से होकर गुजरने वाली यमुना नहर इसका जीता जागता उदाहरण है. यमुना नहर में करीब-करीब 19 गंदे नालों का पानी बह रहा है, जिससे नहर काली होती जा रही है और पानी दिन-ब-दिन दूषित.
यमुना बचाओ समिति के संचालक कहते हैं कि यमुना की हालत देखकर उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं. यमुना नहर की हालत की सारी जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की है. वो कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन आश्वासन के सिवा उन्हें आज तक कुछ नहीं मिला.
2 ट्रीटमेंट प्लांट से भी नहीं बदली सूरत
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार यमुना नहर में तकरीबन 19 जगहों से गंदा पानी डिस्चार्ज हो रहा है. इसके लिए बोर्ड को नहरी विभाग द्वारा नोटिस भी जारी किया गया था. जिसके बाद परवालो और बॉडी माजरा में ट्रीटमेंट प्लांट लगाया, लेकिन हालात अभी भी जस के तस हैं.