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टला खतरा: हथिनी कुंड बैराज पर कम होने लगा जल स्तर, जानिए कैसी है अब स्थिति - यमुनानगर हथिनी कुंड बैराज जल स्तर

बाढ़ के बनते खतरे के बीच एक अच्छी खबर आ रही है. यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज पर अब पानी कम होने लगा है. पहाड़ों में दो दिन से कम बरसात हो रही है जिस वजह से यमुना नदी में पानी कम आ रहा है.

Hathni Kund water level reducing
Hathni Kund water level reducing

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Published : Jul 14, 2021, 9:35 PM IST

यमुनानगर: यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज पर बुधवार को मैक्सिमम 24,000 क्यूसेक पानी पहुंचा. सुबह 10 बजे यहां करीब 24,000 क्यूसेक पानी था जिसमें से 16000 क्यूसेक हरियाणा और 1800 क्यूसेक उत्तर प्रदेश को देकर बाकी का पानी बड़ी यमुना में छोड़ा गया था. बुधवार को हथिनी कुंड बैराज पर पानी लगातार कम ज्यादा होता रहा.

सुबह 10 बजे जहां करीब 24,000 क्यूसेक पानी बह रहा था तो वहीं लगातार कम होते-होते दोपहर करीब 2 बजे तक ये पानी 22,000 क्यूसेक रह गया था. वहीं शाम 6 बजे तक ये पानी 21,000 क्यूसेक और रात 8 बजे तक 20,000 क्यूसेक के पास पहुंच चुका था. पहाड़ों में दो दिन की लगातार बरसात के बाद अब बरसात कम हो रही है. जिस वजह से यमुना नदी में पानी कम आ रहा है.

मंगलवार को जलस्तर लगातार बढ़ रहा था

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मंगलवार को जहां हथिनी कुंड बैराज पर मैक्सिमम 60,000 क्यूसेक पानी पहुंचा था तो वहीं बुधवार को बरसात कम होने की वजह से 24,000 क्यूसेक पानी ही पहुंच पाया. वहीं हरियाणा की तरफ डायवर्ट होने वाली डब्ल्यूजेसी नहर में कल से लगातार पानी चल रहा है. इस नहर को 16,000 क्यूसेक पानी की आवश्यकता होती है. साथ ही यूजेसी नहर को 1800 से पानी दिया जाता है. इसके बाद जो पानी बच जाता है वह बड़ी यमुना नदी में छोड़ दिया जाता है जो सीधा दिल्ली की तरफ जाता है.

बता दें कि अभी तक खतरे की कोई स्थिति नहीं बनी है. अधिकारियों के मुताबिक जब यमुना नदी में ढाई लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी आ जाता है तो खतरे की स्थिति बनती है. जानकारी के मुताबिक पहाड़ों में अब कम बरसात हो रही है जिस वजह से यमुना नदी में पानी कम आ रहा है. बुधवार को हथिनी कुंड बैराज पर सामान्य स्थिति रही. फिलहाल देखना होगा आने वाले दिनों में स्थिति क्या रहने वाली है. बता दें कि, हथिनी कुंड बैराज पर पानी डायवर्ट करने का काम किया जाता है. यहां पर पानी को स्टोर नहीं किया जा सकता.

हथिनी कुंड बैराज पर कम होने लगा जल स्तर

गौरतलब है कि पहाड़ों पर हो रही मसूलाधार बारिश के बाद यमुनानगर स्थित हथिनी कुंड बैराज पर लगातार पानी का स्तर बढ़ रहा था. सोमवार रात से मंगलवार शाम तक करीब 60 हजार क्यूसेक पानी हथिनी कुंड बैराज पर पहुंचा था. अगर पहाड़ों पर बारिश जारी रहती तो बैराज में जल स्तर लगातार बढ़ता रहता, जिससे यमुना से लगते हरियाणा के जिलों जैसे यमुनानगर, अंबाला और करनाल के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते थे.

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