यमुनानगरःहरियाणा सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में अनेकों जनहित स्कीमें चलाईं लेकिन उन स्कीमों का जमीन पर क्या असर हुआ यही देखने के लिए ईटीवी भारत ने मनोहर सरकार का रियलिटी चेक नाम से एक स्पेशल प्रोग्राम शुरु किया ताकि पता चल सके कि आखिर सरकारी की योजनाओं पर कितना काम हुआ है. इस बार स्पेशल रिपोर्ट में हमारी टीम पहुंची रादौर विधानसभा में पड़ने वाली मंडी में और जानी भावांतर भरपाई योजना की सच्चाई.
क्या बोले यमुनानगर के किसान ?
यमुनानगर में सब्जी उगाने वाले ज्यादातर किसान रादौर में हैं. यहां के किसानों का कहना है कि ज्यादातर किसानों को तो इस योजना के बारे में पता ही नहीं है. इसके अलावा जिन्हें पता भी है वो भी आवेदन की जटिलता को न समझ पाने की वजह से लाभ नहीं उठा पाते हैं. क्योंकि ज्यादातर किसान बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं होते हैं इसलिए ऑनलाइन प्रक्रिया समझ नहीं पाते हैं.
'अधिकारियों ने जागरूक ही नहीं किया क्या करें'
किसानों का कहना है कि उन्हें कभी अधिकारियों ने बताया ही नहीं कि कैसे इस योजना का लाभ लिया जा सकता है इसीलिए हम औने-पौने दामों पर अपनी सब्जी बेचने को मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि इस योजना से धरातल पर किसान को कोई लाभ नहीं हो रहा है. दरअसल अभी तक ज्यादातर मंडियों में कच्ची पर्ची देकर खरीदारी की जा रही है जिससे रिकॉर्ड रखना मुश्किल हो जाता है और योजना का लाभ नहीं मिल पाता है.