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खट्टर सरकार का चुनावी दांव, अब राशन डिपो पर 31 रुपये किलो मिलेगा प्याज

प्याज के बढ़ते दामों को देखते हुए प्रशासन ने लोगों को सस्ते दर पर प्याज आपूर्ति करने का फैसला लिया है.अधिकारियों का कहना है कि शहरी क्षेत्र के 489 राशन डिपो पर इसे शनिवार से बेचा जाएगा. बीपीएल, एएवाई, ओपीएच आदि के 70 हजार से अधिक राशन कार्ड धारकों को 31 रुपये किलो प्याज दिया जाएगा.

खट्टर सरकार का चुनावी दांव

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Published : Sep 28, 2019, 9:23 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 10:14 AM IST

यमुनानगर: पिछले कई दिनों से प्याज की बढ़ती कीमतों से परेशान प्रदेशवासियों को सूबे की खट्टर सरकार ने बड़ी राहत देने का एलान किया है. अभी तक मार्किट में 80 से 70 रुपए किलो के भाव से मिलने वाले प्याज को सरकार 31 रुपए किलो के हिसाब से देने का ऐलान किया है. जो राशन डिपो के माध्यम से मिलेगा.

जानें कहां सस्ता मिलेगा प्याज

एक परिवार को तीन किलो मिलेगा प्याज
सरकार ने केंद्र सरकार की मदद से नैफेड द्वारा स्टोर किए गए प्याज हासिल किए हैं. सरकार के इस फैसले का महिलाओं ने भी स्वागत किया है. रादौर में खाद्य आपूर्ति विभाग के निरीक्षक रौशन लाल ने बताया की एक परिवार को केवल 3 किलो ही प्याज मिलेगा. जिससे 10 दिनों तक काम चलाना पड़ेगा. के बाद अगर जरूरत पड़ती है तो उसे और प्याज दिया जाएगा.

प्याज लेने के लिए दिखाना होगा आधार कार्ड
किसी भी राशन डिपो पर प्याज लेने के लिए लोगों को आधार कार्ड दिखाना होगा. नैफेड से आने वाला प्याज राशन डिपो होल्डरों तक पहुंचाने का काम कान्फैड का रहेगा. उन्होंने बताया कि प्याज का वितरण भी केवल शहरी क्षेत्रों में ही होगा. यानी अगर गांव के लोगों को प्याज की जरूरत है तो इसके लिए उन्हें शहर के डिपो पर पहुंचना होगा.

बॉयोमीट्रिक से होगा वितरण
निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि प्याज वितरित करने से पहले राशन डिपो होल्डर को संबंधित उपभोक्ता का बायो-मीट्रिक प्रणाली से प्रमाणीकरण करवाना जरूरी होगा. सभी जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रकों को निर्देश दिए गए हैं कि वो राशन डिपो में चेकिंग करें ताकि सस्ती दरों पर बेचे जाने वाले इस प्याज में किसी तरह की धांधली न हो. इसके लिए बिक्री रसीद काटनी अनिवार्य की है.

खट्टर सरकार नहीं लेना चाहती रिस्क
आपको बता दें कि दुनियाभर में भारत प्याज का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, बावजूद इसके प्याज की बढ़ती कीमतों से हर कोई परेशान है. प्याज की बढ़ती कीमतों से पहले भी कई सरकार गिर चुकी है, ऐसे में खट्टर सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती. साल 2014 के चुनाव में भी प्याज की कीमतों में भारी उछाल के कारण कांग्रेस सरकार का तख्ता पलट कर दिया था. अब यह देखना भी दिलचस्प होगा की अगले महीने होने वाले चुनाव पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है.

Last Updated : Sep 28, 2019, 10:14 AM IST

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