यमुनानगर: छछरौली में स्थित बालकुंज संस्था अनाथ, बेसहारा और परिवार से बिछड़ गए बच्चों को अपने घर जैसा आशियाना देने का काम करती है और बच्चों की काउंसलिंग कर उन्हें उनके परिवारों से दोबारा मिलाने की भी कोशिश करती है. इसी कड़ी में सोमवार को एक 16 साल की लड़की करीब 6 साल बाद अपने परिवार से मिली है.
बालकुंज की इंचार्ज मोना चौहान ने बताया कि 20 मई 2015 को जीआरपी यमुनानगर ने राधिका को बालकुंज को सौंपा था और तब से वो यहीं रहकर शिक्षा ग्रहण कर रही थी. इस दौरान बच्ची की कई बार काउंसलिंग की गई, लेकिन करीब 6 साल बाद उन्हें सफलता मिल पाई और काउंसलिंग के आधार पर बच्ची के परिजनों को सूचित किया गया.
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दरअसल, राधिका ने बालकुंज को बताया कि वो काफी साल पहले अपने परिवार के साथ देहरादून के एक होम में रही थी. इस जानकारी के आधार पर बालकुंज ने देहरादून के सभी होन से संपर्क किया. इस दौरान एक होम से राधिका और उसके परिवार की जानकारी मिल गई.
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बता दें कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के कुतुबपुर कुसानी की रहने वाली राधिका साल 2015 में घर से गुम हो गई थी. जिसके बाद उसका परिवार उसे तलाशता रहा और पुलिस को भी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी, लेकिन राधिका का कोई सुराग नहीं मिला. जिसके 6 साल बाद राधिका अपने परिवार से दोबारा मिल पाई है.