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चिराग तले अंधेरा: शिक्षा मंत्री के गृह क्षेत्र का ऐसा स्कूल जहां सिर्फ एक ही अध्यापक, स्कूल और बच्चे कर रहे टीचर्स का इंतजार - Haryana Latest News

शिक्षा मंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र के मुकारबपुर गांव (Mukarabpur village of Yamunanagar) का मिडिल स्कूल कई सालों से अध्यापकों के इंतजार में है. यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक टीचर है और एक हेड मास्टर है जो बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं.

Mukarabpur village of Yamunanagar
शिक्षा मंत्री के गृह क्षेत्र का ऐसा स्कूल जहां सिर्फ एक ही अध्यापक, स्कूल और बच्चे कर रहे टीचर्स का इंतजार

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Published : May 28, 2022, 7:07 PM IST

यमुनानगर:हरियाणा सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर अक्सर बड़े बड़े दावे करती रहती है लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश के ऐसे कई स्कूल है जहां शिक्षकों की काफी कमी हैं. इन्ही में से एक यमुनानगर के मुकारबपुर गांव का राजकीय माध्यमिक स्कूल भी है. ये स्कूल पिछले कई सालों से अध्यापकों का इंतजार कर रहा है. ये हाल तब है जब हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर यहां से विधायक हैं.

जानकारी के मुताबिक मुबारकपुर गांव में स्थित राजकीय स्कूल में 61 बच्चे पढ़ते हैं. यहां टीचर्स के चार पद खाली हैं. पहले यहां पांच टीचर्स की कुल संख्या पांच हुआ करती थी. कुछ साल पहले स्कूल में पढ़ाने वाले कला सब्जेक्ट के टीचर को निकाल दिया गया था जिससे एक पद खाली हो गया. इसके बाद एक अध्यापक को प्रमोशन मिल गया जिसके बाद उनका भी पद खाली हो गया. इसके अलावा एक अध्यापक का ट्रांसफर हो गया.

शिक्षा मंत्री के गृह क्षेत्र का ऐसा स्कूल जहां सिर्फ एक ही अध्यापक, स्कूल और बच्चे कर रहे टीचर्स का इंतजार

अब यहां सिर्फ एक अध्यापक और एक हेड मास्टर बचे हैं. ऐसा नहीं है कि स्कूल के इस हालात के बारे में हरियाणा शिक्षा विभाग (Haryana Education Department) के अधिकारियों को जानकारी नहीं है. सब कुछ पता होने के बावजूद विभाग की लापरवाही के चलते बच्चों के पढ़ने की चाहत पर ग्रहण लगता दिख रहा है. शिक्षा विभाग की लापरवाही का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि एकल शिक्षक होने के कारण अधिकांश कक्षाओं में पढ़ाई भी नहीं हो पाती है.

स्कूल में पढ़ने आने वाले बच्चों का कहना है कि अध्यापकों की कमी की वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. हालांकि उनके स्कूल में जो एकमात्र टीचर हेड मास्टर हैं वे दोनों मिलकर उन्हें पढ़ाने की पूरी कोशिश करते हैं लेकिन विभिन्न विषयों के अध्यापक ना होने की वजह से उन्हें काफी परेशानी आती है. उन्होंने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि जल्द से जल्द उनके स्कूल में टीचर भेजे जाएं.

वहीं बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि घर आकर बच्चे अपने पढ़ाई के बारे में बताते हैं तो हम घर पर भी बच्चों को पढ़ाने की कोशिश करते हैं लेकिन टीचर्स की कमी जरूर खल रही है. इसलिए यह भी गुहार लगा रहे हैं कि यहां जल्द से जल्द टीचर्स की नियुक्ति की जाए. वही इस बारे में शिक्षा मंत्री का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में अभी आया है. गर्मियों की छुट्टियों के बाद वहां पर टीचर तैनात कर दिए जाएंगे जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी.

बता दें कि हाल ही में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा के शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी (जजपा) की सरकार राज्य की शिक्षा प्रणाली को बर्बाद कर रही है. उन्होंने कहा कि हजारों खाली पदों को भरने से इनकार करना सरकार की मंशा दर्शाता है. नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया था कि हरियाणा में 63 स्कूल बिना शिक्षकों के चल रहे हैं. यही नहीं सरकार हरियाणा के स्कूलों को बर्बाद करने के बाद विश्वविद्यालयों को निशान बना रही है और इसलिए विश्वविद्यालयों को अनुदान देने के बजाय ऋण देने का फैसला किया गया है.

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