यमुनानगर: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हथिनीकुंड बैराज पर दिए बयान के बाद सियासत तेज हो गई है. हथिनी कुंड बैराज से दिल्ली की तरफ डायवर्ट किए जा रहे पानी पर अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जा रहा पानी दिल्ली को डूबा रहा है. इस बारे में उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को भी चिट्ठी लिखी थी. अरविंद केजरीवाल के बयान पर पलटवार करते हुए कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने केजरीवाल को अज्ञानता का प्रतीक बताया.
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बैराज पानी स्टोर नहीं कर सकता: कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि यमुनानगर के हथिनीकुंड से यमुना उत्तराखंड और हिमाचल की पहाड़ी इलाकों से निकल कर धरातल पर पहुंचती है. हथिनीकुंड बैराज से पहाड़ी इलाके से आए पानी को डाइवर्ट किया जाता है. रविवार से लगातार हो रही बरसात के चलते बैराज पर मंगलवार को इस सीजन का 359000 क्यूसेक सबसे रिकॉर्ड किया गया था. उन्होंने कहा कि केजरीवाल को नहीं पता कि बैराज पानी स्टोर नहीं कर सकता.
उन्होंने कहा कि हथिनीकुंड बैराज पर सिर्फ पानी को डाइवर्ट करने का काम किया जाता है. एक तरफ उत्तर प्रदेश को EYC के जरिए और दूसरी तरफ हरियाणा को सिंचाई और पावर प्रोजेक्ट के लिए WJC के जरिए पानी दिया जाता है. इनकी पूर्ति के बाद सारा पानी दिल्ली की तरफ डायवर्ट होता है. उन्होंने कहा कि पिछले साल तक 70000 क्यूसेक पानी होने के बाद सारा पानी दिल्ली की तरफ डायवर्ट कर दिया जाता था और बाकी दोनों नहरों को बंद कर दिया जाता था.
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पानी स्टोर किया तो होगा नुकसान: कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि सेंट्रल वाटर कमीशन ने इस बार 1 लाख क्यूसेक पानी होने के बाद पानी दिल्ली की तरफ डायवर्ट करने का फैसला किया. जिसके बाद 100000 क्यूसेक पानी आने के बाद यहां से डायवर्ट होने वाली दोनों नहरों को बंद कर पानी दिल्ली की तरफ डायवर्ट किया गया. उन्होंने कहा कि यदि बैराज पर पानी स्टोर किया गया तो तो बड़ा नुकसान हो सकता है. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने केंद्र के सामने हथिनीकुंड के पास डैम प्रोजेक्ट बनाने के लिए प्रस्ताव रखा है.
केंद्र के सामने डैम बनाने का प्रस्ताव: डैम बनने से जहां हरियाणा को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा, वहीं दिल्ली की भी आपूर्ति पूरा साल अच्छे से हो सकेगी. कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि उन्होंने साफ कहा है कि यह शब्द गलत है कि हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ा जाता है जबकि यहां से पानी डायवर्ट करने का काम किया जाता है क्योंकि यहां पानी स्टोर नहीं किया जा सकता. हथिनीकुंड बैराज पर अब सामान्य जैसी स्थिति हो गई है, लेकिन दोबारा से केचमेंट एरिया में रेड अलर्ट बताया जा रहा है.
यमुना में उफान से हरियाणा में बाढ़ से हालात इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि गुरुवार को हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह दर सुबह 10 बजे 1.62 लाख क्यूसेक, दोपहर 3 बजे लगभग 1 लाख और शाम 5 बजे 67,000 क्यूसेक था, जो मंगलवार सुबह छोड़े गए लगभग 3.21 लाख क्यूसेक पानी की प्रवाह दर से काफी कम है. पिछले कुछ दिनों में हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में भारी बारिश के कारण, हथिनीकुंड बैराज में जलस्तर तय सीमा से अधिक बढ़ गया, जिसके बाद अतिरिक्त पानी को यमुना नदी में छोड़ दिया गया.
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हथनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी को नई दिल्ली पहुंचने में आम तौर पर दो से तीन दिन लगते हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री के सलाहकार (सिंचाई) देवेंदर सिंह ने गुरुवार को कहा कि हथिनीकुंड की संरचना एक बैराज है जिसे पानी को मोड़ने या नियंत्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. सीडब्ल्यूसी के दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए, सिंह ने कहा कि जब हथिनीकुंड बैराज में एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी बहता है, जो पहले ताजेवाला बैराज को बदलने के लिए बनाया गया था, तो पानी स्वचालित रूप से यमुना नदी में चला जाता है. उन्होंने कहा, अगर बैराज में पानी को रोकने की कोशिश की गई तो सभी गेट क्षतिग्रस्त हो जाएंगे, जिससे भयंकर बाढ़ आएगी और हरियाणा और दिल्ली में भारी तबाही मच सकती है.