यमुनानगरःइनेलो नेता इंद्रजीत दहिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जयतीर्थ दहिया की सदस्यता रद्द कर दी है. इस मामले में अब हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर की प्रतिक्रिया सामने आई है. कंवर पाल गुर्जर ने बताया कि कोर्ट ने जयतीर्थ दहिया की सदस्यता रद्द तो कर दी है लेकिन इंद्रजीत दहिया की घोषणा अभी तक नहीं की है.
विधानसभा अध्यक्ष कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि जो भी सुविधाएं जयतीर्थ दहिया को मिली है उसके बदले उन्होंने काम भी तो किया है. उन्होंने कहा कि अब 14 तारीख को आने वाला कोर्ट का फैसला अगर जयतीर्थ दहिया के खिलाफ आता है तो उनके पेंशन और पूर्व विधायक को मिलने वाली सभी सुविधाओं को खत्म कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि लेकिन जो सुविधाएं जयतीर्थ मिल चुकी हैं उसे वापिस नहीं लिया जाएगा क्योंकि इसके बदले उन्होंने काम भी तो किए हैं.
कोर्ट के फैसले पर टिकी निगाहें
सोनीपत की राई विधानसभा सीट से 3 वोट से विजयी कांग्रेस उम्मीदवार जयतीर्थ दहिया का चुनाव पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है. ईवीएम के रिकॉर्ड की जांच के बाद इंद्रजीत दहिया के चार वोट बढ़ गए हैं, जबकि जयतीर्थ दहिया तीन वोटों से जीते थे. दूसरी ओर जयतीर्थ दहिया ने रिक्रिमेशन याचिका दायर कर कहा कि अगर फैसला उनके पक्ष में नहीं आता है तो अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले एक बार उनका पक्ष अवश्य सुना जाए.
जयतीर्थ दहिया पर विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर की प्रतक्रिया जयतीर्थ दहिया ने लगाए आरोप
अपनी याचिका में जयतीर्थ दहिया ने इंद्रजीत पर अपने गांव में बूथ कब्जाने का आरोप लगाया है. इस याचिका पर हाई कोर्ट ने बुधवार को इंद्रजीत सहित चुनाव आयोग को 27 सितंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है और याचिका के विचाराधीन रहते इंद्रजीत दहिया को भी अभी विजयी घोषित नहीं किया है. 2014 के हरियाणा विधान सभा चुनाव में जयतीर्थ दहिया को 36,403 और इनेलो प्रत्याशी इंद्रजीत दहिया को 36,400 वोट मिले थे.
इंद्रजीत दहिया ने दायर की थी याचिका
इंद्रजीत दहिया महज 3 वोट के अंतर से चुनाव हार गए थे और बाद में उन्होंने इस चुनाव को हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने चुनावों में इस्तेमाल की गई ईवीएम के जांच के आदेश दिए थे. हाई कोर्ट के आदेशों पर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड बेंगलूरू के ईवीएम विशेषज्ञ रवि रंजन ने इन सभी ईवीएम की जांच कर उसकी रिपोर्ट सीलबंद हाई कोर्ट को सौंप दी थी.
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जयतीर्थ इस्तीफा दे चुके हैं
हाई कोर्ट में राई क्षेत्र के बूथ नंबर 83,131, 112, 19, 22, 24 और 25 की ईवीएम खोली गईं थीं. रजिस्ट्रार और एक्सपर्ट ने ईवीएम का रिजल्ट हाई कोर्ट में जमा कराया. हाई कोर्ट में मतगणना के बाद पाया गया कि इंद्रजीत के 4 वोट ज्यादा हैं. जयतीर्थ को 36694 वोट प्राप्त हुए हैं और इंद्रजीत को 36698 वोट मिले हैं. इस फैसले से इंद्रजीत ने डबल वोट का जो आरोप लगाया था, वह सभी सिद्ध हो गया है. जयतीर्थ पहले ही विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं. जयतीर्थ पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी हैं.
फैसले का असर:
जयतीर्थ को इस टर्म की पेंशन नहीं मिलेगी, इंद्रजीत को विजयी घोषित किया तो पांच साल का वेतन और भत्ते मिलेंगे. मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने को है. चुनाव की घोषणा भी हो चुकी है। जयतीर्थ को अयोग्य घोषित करार दिए जाने पर उन्हें इस टर्म की पेंशन नहीं मिलेगी. क्योंकि उन्हें जनप्रतिनिधि अधिनियम-1951 के तहत अयोग्य घोषित करार दिया गया है. हालांकि वे इससे पहले भी विधायक रह चुके हैं.
इसलिए अन्य सुविधाओं पर फर्क नहीं पड़ेगा और पूर्व के कार्यकाल की पेंशन मिलती रहेगी. 2014 से 2019 तक उनकी ओर से लिया गया वेतन व भत्ते आदि की रिकवरी नहीं होगी. क्योंकि इसके बदले उन्होंने काम किया है. विधानसभा के रिटायर्ड एडिशनल सेक्रेटरी रामनारायण यादव ने बताया कि इंद्रजीत को विजयी घोषित किया जाता है तो उन्हें पांच साल का वेतन, भत्ते मिलेंगे. जयतीर्थ हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दे सकते हैं. खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव संबंधी याचिकाओं को तभी स्वीकार करता है जब यह लगे कि हाई कोर्ट से गंभीर चूक हुई है.