यमुनानगर: देशभर में मनाए जाने वाले होली का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे बाजार में भी रोनक बढ़ती जा रही है. हालांकि अभी तक बाजार में एक-दो ग्राहक ही नजर आ रहे हैं, लेकिन दुकानें पूरी तरह से सज चुकी हैं और दुकानदारों को उम्मीद है कि इस बार अच्छी खासी खरीदारी होगी. होली का पर्व रंगों को लेकर जाना जाता है और इस दिन का हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व है.
होली दो दिनों तक मनाया जाने वाला पर्व है, होली के पहले दिन होलिका दहन मनाया जाता है, जिसे छोटी होली भी कहा जाता है. होली के दूसरे दिन रंगों का त्योहार मनाया जता है, जिसमें लोग मिल जुलकर रंग खेलते हैं और खुशियां एक-दूसरे से बांटते हैं. पहले के लोग पानी के गुब्बारों और पिचकारी से होली खेलते थे, जिसका चलन अभी भी चला आ रहा है. पहले के लोग होली को केवल हिन्दू धर्म का त्योहार मानते थे, लेकिन अब ये दुनिया भर में एक उत्सव की तरह मनाया जाता है. बाजार में रंग गुलाल खरीदने आए लोगों का कहना है कि वह बच्चों के लिए सामान खरीदने आए हैं इस बार बाजारों में रौनक भी देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि होली सभी धर्मों को एक करने का प्रतीक होता है.
Holi Festival 2023: बाजारों में लौटी रौनक, रंग और पिचकारियों की बढ़ी डिमांड - यमुनानगर में होली की धूम
होली का त्योहार आते ही रंग और पिचकारियां याद आने लगती हैं. बाजारों में भी रंग, गुलाल, अबीर और पिचकारियां देखने को मिल जाती हैं. इस बार लोगों के चेहरे पर होली को लेकर खुशी झलक रही हैं क्योंकि कोरोना के बाद ये पहली होली है जब लोग खुलकर रंग खेलते दिखेंगे.
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दुकानदारों के लिए इस बार की होली को पिछले साल की तुलना में बेहतर बताया है क्योंकि ग्राहकों की संख्या तुलनात्मक रूप से पिछले साल की तुलना में इस बार अच्छी है. साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि यह समय के साथ बढ़ेगी. खास बात यह है कि इस बार स्वदेशी सामानों की शॉपिंग खुलकर हो रही है. होली के लिए बेचे जा रहे सभी सामान इंडियन हैं. लोग खुद से चीनी प्रोडक्ट को मना कर रहे हैं. कभी चीन की बनी टैंक वाली पिचकारी, डोरेमोन, पोकेमोन, बार्बी बच्चों के फेवरिट हुआ करते थे लेकिन अब इंडिया के बने सामानों की वैरायटी ज्यादा है.