यमुनानगर: हरियाणा में गाड़ियों का बड़े स्तर पर फर्जी रजिस्ट्रेशन हुआ है. जिसका खुलासा सिरसा सीआईए टीम ने किया था और सुनील चिटकारा नामक कार डीलर को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद इस जांच यमुनानगर स्थित जगाधरी एसडीएम ऑफिस पहुंची और फिर मामले का खुलासा हुआ. इस मामले को ईटीवी भारत हरियाणा ने प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद अब खबर का असर हुआ है.
एक तरफ जहां आरसी फर्जीवाड़े को दबाने की कोशिश की जा रही थी, तो वहीं ईटीवी भारत हरियाणा ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया. जैसे ही ये खबर ईटीवी के ट्विटर हैंडल पर ट्वीट हुई. तो अधिकारी हरकरत में आ गए. उन्होंने जगाधरी और बिलासपुर के रिकॉर्ड रूम को सील कर दिया है.
जगाधरी और बिलासपुर रिकॉर्ड रूम सील हरियाणा में बड़े स्तर पर आरसी फर्जीवाड़ा हुआ है. सिरसा सीआईए ने इस मामले की जांच शुरू की थी और उन्होंने सुनील चितकारा नामक कार डीलर को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद मामले की जांच जगाधरी एसडीएम ऑफिस तक पहुंची और यहां 16 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी मिली. इसके साथ ही तीन फाइलें गायब मिली. जिसके चलते एसडीएम जगाधरी ने हुडा पुलिस थाने में अमित और तीन कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया.
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उसके बाद यह जांच बिलासपुर एसडीएम ऑफिस तक पहुंची और बिलासपुर एसडीएम ने वहां के एमआरसी संजीव की शिकायत पर अमित के खिलाफ मामला दर्ज करवाया कि उसने राजनीतिक दबाव में संजीव से 29 फाइलों में गड़बड़ी करवाई है. उसके बाद भी ये मामला लगातार दबता जा रहा था, लेकिन इसके बाद ईटीवी की टीम इस पूरे मामले की तहकीकात करने जगाधरी एसडीएम ऑफिस से बिलासपुर एसडीएम ऑफिस तक पहुंची और उसके बाद इस मामले की जांच कर रही एसआईटी के इंचार्ज राजेंद्र कुमार से भी बातचीत की.
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उन्होंने बताया कि फिलहाल मामले की जांच चल रही है और जब राजनीतिक दबाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजनीतिक दबाव कभी भी छोटे कर्मचारी पर नहीं होता यदि राजनीतिक दबाव की बात है तो इसमें बड़े उच्च अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं. फिलहाल इसकी जांच चल रही है, लेकिन जैसे ही ईटीवी भारत हरियाणा ने इस खबर को पब्लिश किया तो यमुनानगर एसपी हरकत में आए और शाम के वक्त आला अधिकारियों के साथ रिकॉर्ड रूम सील करवाने पहुंचे और जगाधरी और बिलासपुर के रिकॉर्ड रूम को सील कर दिया गया.
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इस मामले में जगाधरी एसडीएम पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी जिम्मेदारी एक सक्षम कर्मचारी को क्यों सौंपी गई थी और दूसरी तरफ जिला पुलिस अधीक्षक इस मामले में कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं. जिसके चलते इस मामले में बड़े स्तर का फर्जीवाड़ा नजर आ रहा है. फिलहाल एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है. देखना होगा आगे इस मामले में और क्या-क्या होगा. वहीं अमित ने सिरसा एस ईटी टीम के सामने सरेंडर किया है और उसने सिलेंडर करते वक्त ये कहा था कि उसे यमुनानगर जिला प्रशासन पर भरोसा नहीं है. जिसके चलते वो सिरसा एसआईटी के सामने सरेंडर करने पहुंचा.