यमुनानगर: हरियाणा पुलिस शहीद हुए पुलिस कर्मचारियों के गांव जाकर उनको श्रद्धांजलि दे रही है. इसके साथ ही पुलिस शहीदों के परिवारों को सम्मानित कर रही है. इसका मकसद आज की युवा पीढ़ी को शहीद पुलिसकर्मियों की वीर गाथा के बारे में जानकारी देना है. बुधवार को एसपी यमुनानगर कमलदीप गोयल गांव मांडखेड़ी पहुंचे. जहां पर उन्होंने 1990 में पुलिस सेवा में शहीद हुए शहीद करण सिंह को श्रद्धांजलि दी.
एसपी ने कहा कि हरियाणा पुलिस प्रदेश भर में शहीद पुलिसकर्मियों के गांव और घरों में जा रही है. एसपी कमलदीप गोयल ने कहा कि शहीद हुए परिवारों के घर जाकर उनको सम्मानित करना भी लोगों में जागरूकता पैदा करता है ताकि अन्य लोगों को भी शहीदों के बारे में जानकारी हो.
शहीद कर्मचारियों को घर-घर जाकर श्रद्धांजलि दे रही हरियाणा पुलिस ये बात उन्होंने छछरौली के गांव मांडखेड़ी में एक शहीद परिवार से मुलाकात करने के दौरान कही. इस दौरान उन्होंने शहीद हुए पुलिस कर्मी के परिवार के साथ कुछ समय बिताया. वहीं युवा पीढ़ी को भी शहीद हुए पुलिसकर्मियों की वीरगाथा के बारे में जानकारी दी. शहीद करण सिंह के पुत्र एएसआई वीरेंद्र के अनुसार मारवा खुर्द में 1990 में आतंकवादी आ गए थे. शहीद करण सिंह उस समय थाना बिलासपुर में तैनात थे.
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वो अपनी टीम के साथ गुरुद्वारे में छिपे आंतकवादियों को पकड़ने के लिए गए. टीम के जवान जींद निवासी सतबीर ने दरवाजा खोला तो सतवीर को आंतकवादियों ने अंदर बंद कर लिया. जैसे ही करण सिंह उनको छुड़ाने अंदर पहुंचे तो ऊपर छत पर बैठे आंतकवादी ने गोली चला दी. जो करण सिंह की आंख में लगी. आंख में गोली लगने के बाद भी करण सिंह ने कई आतंकवादियों को जख्मी कर दिया था. आखिर में वो शहीद हो गए.