यमुना नगरः पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश की वजह से हथिनी कुंड बैरज पर इस वक्त 21 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है. हालांकि यहां जलस्तर में लगातार बदलाव हो रहा है, क्योंकि हरियाणा में भी मानसून पहुंच गया है. और यहां भी लगातार बारिश हो रही है. इस पानी को दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बांटकर निकाला जा रहा है.
फिलहाल की बात करें तो 21 हजार क्यूसेक पानी में से 6 हजार क्यूसेक पानी बड़ी यमुना में छोड़ा जा रहा है जो दिल्ली जाती है, और इसका पानी दिल्ली इस्तेमाल करता है. इसके अलावा 1800 क्यूसेक पानी यूजेसी नहर में छोड़ा जा रहा है, जिसका इस्तेमाल उत्तर प्रदेश करता है. बाकी 13 हजार क्यूसेक पानी डब्ल्यूजेसी नहर में छोड़ा जा रहा है, जिसका इस्तेमाल हरियाणा करता है. आपको बता दें कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने शिकायत की थी कि हरियाणा सरकार ने उनका पानी रोक लिया है.
नहर में छोड़ा जा रहा पानी साथ ही हाइडल लिंक नहर को बंद कर दिया गया है. हाइडल लिंक नहर बंद होने की वजह से 4 हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट बंद हो गए हैं, क्योंकि वो इसी नहर के पानी पर निर्भर हैं. इन चारों पावर प्रोजेक्ट पर कुल मिलाकर 64 मेगावाट बिजली बनाई जाती है.
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प्रशासन का कहना है कि हाइडल लिंक नहर को एहतियात के तौर पर बंद किया गया है, क्योंकि पहाड़ों में जब ज्यादा बारिश होती है तो पानी के तेज बहाव की वजह से उसमें सिल्ट यानि कूड़ा-कर्कट आ जाता है जिससे पावर प्रोजेक्ट को नुकसान का खतरा होता है. इसीलिए ये कदम उठाया गया है. प्रशासन का कहना है कि फिलहाल हरियाणा के किसी भी हिस्से में बाढ़ जैसे हालात बनने की आशंका नहीं है. लेकिन आने वाले कुछ दिन जरूर चेतावनी भरे हैं क्योंकि इन दिनों काफी बारिश होने की संभावना है.