यमुनानगर: कोरोना संकट के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण इस वर्ष बोर्ड की दसवीं और बाहरवीं कक्षा की कई परीक्षाएं नहीं ली जा सकी हैं जिसके चलते बच्चों का रिजल्ट भी घोषित नहीं किया गया है. बोर्ड द्वारा कई बार बकाया परीक्षा लिए जाने की, तो कभी बिना परीक्षा के ही रिजल्ट घोषित किए जाने की चर्चाओं से बोर्ड के साथ-साथ छात्र व अभिभावक भी असमंजस की स्थिति में हैं.
परीक्षा आयोजित करने को लेकर बोर्ड का नया फैसला
ऐसे में अब बोर्ड द्वारा उन्हीं बच्चों की परीक्षा ली जाएगी जो 11वीं में विज्ञान विषय लेंगे. ऐसे बच्चों को लिखित में देना होगा कि वह 11वीं में विज्ञान विषय लेंगे. उसी आधार पर परीक्षा लेकर फिर परिणाम जारी किया जाएगा. रादौर सरकारी स्कूल की अध्यापक सरिता काम्बोज ने बताया कि वे बोर्ड द्वारा जारी किये गए अंडरटेकिंग फार्म में दी गई हिदायतों को 10वीं की परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों को विस्तारपूर्वक जानकारी दे रहे हैं.
साइंस की परीक्षा को लेकर दसवीं के परीक्षार्थियों से भरवाए गए अंडरटेकिंग फार्म. अध्यापक ने बताया कि परीक्षार्थी भी जारी की गई हिदायतों को सोच समझकर विज्ञान परीक्षा देनी है या नहीं देनी है, का निर्णय स्वयं के और अपने माता-पिता या संरक्षक के हस्ताक्षर कर विद्यालय मुखिया को लिखित रूप में 15 जून तक देंगे. उन्होंने कहा की परीक्षार्थी द्वारा दी गई अंडरटेकिंग विद्यालय 6 माह तक अपने पास सुरक्षित रखेंगे. इसके उपरांत ही 11वीं में विज्ञान विषय लेने वाले परीक्षार्थियों का परीक्षा परिणाम विज्ञान विषय की परीक्षा लेकर और शेष परीक्षार्थियों का परीक्षा परिणाम चार विषयों के औसत आधार पर घोषित किया जाएगा.
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दसवीं और बाहरवीं की परीक्षा और परिणाम को लेकर पिछले दो महीनों के दौरान कई तरह की अटकलें लगाई गई. विज्ञान विषय की परीक्षा को लेकर बोर्ड द्वारा बार-बार बदले जा रहे फैसलों से अध्यापकों के साथ-साथ विद्यार्थी भी असमंजस की स्थिति में हैं. अब देखना ये होगा कि बोर्ड का ये नया फैसला कितना कारगर साबित होता है.