यमुनानगर: हरियाणा में आशा वर्कर की मौत (Haryana Asha Worker News) के बाद कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार पर जमकर हमला बोला है, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि रक्षाबंधन के पर्व पर मनोहर लाल सरकार के हठ ने प्रदेश में एक बहन की जान ले ली है. इसके साथ ही राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा और छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रभारी कुमारी सैलजा ने भी मनोहर लाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
'मनोहर लाल सरकार की हठ ने ले आशा वर्कर की जान': कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा है, 'रक्षाबंधन के पर्व पर खट्टर सरकार के हठ ने ली एक बहन की जान. प्रदेश की 20 हजार आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं, उनकी बात सुनने की बजाय, उनको राहत देने की बजाय, खट्टर सरकार उनसे पुलिसिया धक्का-मुक्की करवा रही है. नतीजा- आज पारुल अपनी जान से हाथ धो बैठी है. अब वो बहन किसकी कलाई पर राखी बांधेगी? यमुनानगर में आंदोलनरत आशा वर्कर की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या अब तो बेरहम और अहंकारी खट्टर सरकार “आशा बहनों” की सुध लेगी?'
आशा वर्कर की मौत मामले में कुमारी सैलजा का मनोहर लाल सरकार पर गंभीर आरोप:वहीं, छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा ने भी आशा वर्कर की मौत पर मनोहर लाल सरकार पर जमकर हमला बोला है. कुमारी सैलजा ने ट्विटर पर लिखा है, 'हरियाणा प्रदेश के लिए एक बेहद दु:खद एवं शर्मनाक खबर, पुलिस के साथ धक्का मुक्की में बेसुध हुई आंदोलनरत आशा वर्कर पारुल की इलाज के दौरान हुई मौत. क्रोध एवं संवेदना से मन भरा हुआ है. हरियाणा सरकार सत्ता के लालच में गिद्ध बन चुकी है. दो बच्चे, माँ की ममता से हमेशा हमेशा के लिए अलग हो गए. रक्षाबंधन के दिन किसी भाई की कलाई हमेशा हमेशा के लिए सूनी हो गई. तीन दिवसीय आंदोलन, हफ्तों चलता रहा सरकार ने सुध नहीं ली. हरियाणा सरकार ने महिलाओं पर बल प्रयोग किया, धक्का मुक्की हुई, गिरफ्तारी की गई. आशा वर्करों से बात करके प्रदेश सरकार उनकी समस्या का समाधान निकालती तो आज आशा वर्कर पारुल हमारे बीच होती. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे एवं परिजनों को इस दु:ख की घड़ी से उबरने का हौसला दे.'
'BJP-JJP सरकार के अहंकार और जिद ने ली एक और जान':इसके अलावा राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी आशा वर्कर की मौत पर प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार पर हमला बोला है. दीपेंद्र हुड्डा ने ट्विटर पर लिखा है, 'हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार के अहंकार और जिद ने एक और जान ले ली. रक्षा बंधन के दिन यमुनानगर से एक आंदोलनकारी आशा वर्कर बहन की मौत की खबर सुनकर दु:खी हूँ. मृतक आशा वर्कर को श्रद्धांजलि व परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ. सरकार से आग्रह है कि अपना अहंकार छोड़े और आशा वर्करों की मांग पर मानवीय दृष्टिकोण से विचार कर उन्हें स्वीकार करे.'
किरण चौधरी ने पूछा मौत का जिम्मेदार कौन?: वहीं, आशा वर्कर पारुल की मौत मामले में कांग्रेस नेता किरण चौधरी ने भी सरकार से सवाल किए हैं. ट्विटर पर किरण चौधरी ने लिखा है, 'शर्मनाक! एक भाई की कलाई हमेशा के लिए सूनी हो गई. पुलिस के साथ धक्का मुक्की में बेसुध हुई आंदोलनरत यमुनानगर की आशा वर्कर पारुल की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. दो बच्चे मां के साये से महरूम हो गए और रक्षाबंधन के दिन किसी भाई की कलाई हमेशा के लिए सूनी हो गई. हड़ताल को इतने दिन बीत गए गठबंधन सरकार ने संज्ञान नहीं लिया. अब आशा वर्कर हक मांगने सड़कों पर उतरीं तो बल प्रयोग किया गया. जवाब दो, इस मौत का जिम्मेदार कौन है? सरकार के हठधर्म के चलते इस तरह की घटना होने से मन बहुत दुखी है. भगवान दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें.'