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यमुनानगर: 30 जून तक है समय सीमा, अभी तक शुरु भी नहीं हुआ बाढ़ राहत काम - रादौर यमुनानगर न्यूज

यमुनानदी से लगते गावों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. क्योंकि कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से बाढ़ राहत निर्माण कार्यों में देरी हो रही है. पढ़ें पूरी खबर.

Flood relief work
Flood relief work

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Published : Jun 12, 2020, 1:24 PM IST

Updated : Jun 12, 2020, 1:54 PM IST

यमुनानगर: रादौर में यमुनानदी के किनारों से सटे गावों में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है. कोविड-19 की वजह से बाढ़ राहत कामों में देरी हो रही है. धीमी गति से निर्माण काम होने की वजह से किसानों का बाढ़ का खतरा सता रहा है. फिलहाल बाढ़ बचाव काम केवल पत्थर स्टॉक करने तक की सीमित है. जिसको लेकर इस साल किसानों और ग्रामीणों को बाढ़ का खतरा सता रहा है.

हालांकि ठेकेदार को 30 जून तक काम पूरा करना है. लेकिन काम की गति को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि अभी बाढ़ बचाव काम पूरा होने में लंबा समय गुजर सकता है. ऐसे में बरसाती सीजन लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है. यमुनानदी से लगते गुमथला गांव के एडवोकेट वरयाम सिंह ने बताया कि पिछले साल यमुना नदी में आए रिकॉर्ड तोड़ पानी आया था. जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी हुई थी.

यमुनानदी से लगते गावों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है.

वहीं दूसरी ओर यमुना नदी में नियमों के विपरीत हो रहा खनन भी कटाव को बढ़ावा दे रहा है. कटाव के कारण किसानों की जमीनें फसलों सहित यमुना नदी में समा गई थी. बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त किनारों को मजबूती देने के लिए इस बार करोड़ों रुपये की राशि से बाढ़ राहत कार्य होने हैं. लेकिन ठेकेदार कभी लॉकडाउन तो कभी पत्थर ना मिलने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं.

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नियम अनुसार अब तक बाढ़ राहत काम पूरे होने की कगार पर पहुंच जाने चाहिए थे, लेकिन संबंधित ठेकेदार ने अभी तक एक पत्थर भी यमुना नदी के क्षतिग्रस्त किनारों पर नहीं लगाया है. खनन की वजह से पहले ही यमुना नदी आबादी की ओर रूख कर चुकी है. अब इस साल बाढ़ राहत कार्य भी होते दिखाई नहीं दे रहे हैं. जिससे आशंका जताई जा रही है कि बरसाती सीजन में यमुना नदी में अगर बाढ़ आई तो क्षेत्र में भारी तबाही मचाएगी.

Last Updated : Jun 12, 2020, 1:54 PM IST

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