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यमुनानगर: प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा किसान - yamunanagar rain

बेमौसम बारिश ने सरकार के इंतजामों की पोल खोल कर रख दी. यमुनानगर की मंडी में सरकार द्वारा की गई बदइंतजामी का खामियाजा किसान को उठाना पड़ रहा है. मंडी में किसान की मेहनत पानी में भीग रही है.

Farmer's crop got wet due to rain in yamunanagar mandi
यमुनानगर: बारिस ने खोली सरकार की पोल, मंडी में भीग रही किसान की मेहनत

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Published : Apr 28, 2020, 10:30 AM IST

यमुनानगर: प्रदेश सरकार मंडियों में फसल की खरीद को लेकर वाहवाही लूटने का काम रही है. वहीं बेमौसम बरसात ने मंडियों में सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है. ज्यादातर जिलों में मंडियों के एक जैसे हालात ही देखने को मिले हैं. मंडियों में किसान की मेहनत पानी में बहती हुई दिखाई दे रही है. सरकार द्वारा की गई बेइंतजामी का खामियाजा किसान को उठाना पड़ रहा है.

यमुनानगर के जगाधरी अनाज मंडी में भी कुछ ऐसा ही नाजारा देखने को मिला. खुले आसमान में पड़ी किसान की मेहनत बारिश में भीग रही है. वहीं ट्रकों में गेहूं लेकर पहुंचे कम से कम 100 ट्रक मंडी में खड़े हैं. जिनका गेहूं नहीं उतारा जा रहा है. किसान बेबस, लाचार, होकर अपनी मेहनत बर्बाद होते हुए देख रहा है. लेकिन कुछ कर नहीं पा रहा है.

यमुनानगर में दूसरे दिन भी बेमौसम बरसात देखने को मिली. वहीं मंडियों में गेहूं खुले में पड़ा भीग रहा है. मंडी में अनाज को ढकने के लिए पूरी तरह व्यवस्था नहीं की गई है. मंडी की ये तस्वीरें बंया कर रही हैं कि सरकार द्वारा किस तराह से बाहवाही लूटने का काम किया जा रहा है. मंडी से गेहूं का उठान नहीं होने के चलते किसानों की फस बर्बाद हो रही है. पा रहा है. बताया जा रहा है कि मंडी में लेबर का ना मिलने के कारण मंडी से अनाज का उठान नहीं हो पा रहा है.

यमुनानगर की मंडी में सरकार और प्रशाशन के दावे फेल होते नजर आए. अचानक हुई बारिश की वजह से मंडियों में कई टन गेहूं भीग गया. वहीं मौसम विभाग का कहना है कि हरियाणा में 2 दिन और बरसात हो सकती है. लेकिन उसके बाद भी प्रशासन की नींद से नहीं खुली है. किसानों की फसल लगातार बारिश के पानी में भीग रही है. लेकिन मंडियों में व्यवस्थाओं की कमी पर प्रशासन कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है.

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वहीं मंडी में अनाज को लोड करने आए ट्रक चालक इंद्रजीत ने बताया कि 3-4 दिन से वो अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मंडी में त्रिपाल की कोई व्यवस्था नहीं है. वो खुद ही अपनी त्रिपाल लेकर आते हैं और ऐसे कम से कम 100 ट्रक मंडी में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मंडी में गेहूं की उठान के लिए लेबर की भारी कमी है. जिसके कारण गेहूं नहीं उतर पा रहा है.

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