यमुनानगर: अपनी मांगों को लेकर गेस्ट टीचर्स आर-पार की लडाई के मूड में नजर आ रहे है. जिसके चलते यमुनानगर में गेस्ट टीचर्स का प्रदर्शन (guest teachers protest in Yamunanagar) छठे दिन भी लगातार जारी रहा. गेस्ट टीचर्स का कहना है कि शिक्षा मंत्री व अधिकारियों से बातचीत में कुछ सहमति बनी है. लेकिन लिखित में कुछ नहीं मिला और बेसिक सेलेरी को लेकर भी कोई बात नहीं हुई. प्रदर्शनकारी गेस्ट टीचर्स का कहना है कि जब तक लिखित में हमारी मांगे नहीं मान ली जाती तब तक ये धरना जारी रहेगा.
वही शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि (Kanwarpal Gurjar on guest teachers protest) उन्होंने अधिकारियों से बातचीत की और डेलीगेशन से बातचीत कर अधिकारियों से भी मिलवाया. वो हर बात से संतुष्ट है, लेकिन उसके बाद भी गेस्ट टीचर धरने पर बैठे हुए है. कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि यूनियन में कुछ लोग सहमत है तो कुछ असहमत है. सरकार नियमों के अंतर्गत काम करती है और नियमों के अंतर्गत ही मदद की जा सकती है. इस तरह रास्ता रोकना गलत है.
बता दें कि शिक्षा मंत्री के गृह जिले में उनके निवास से कुछ दूरी पर हरियाणा के गेस्ट टीचर्स अपनी मांगों को लेकर डेरा डाले हुए है. शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद सम्बंधित अधिकारियों के साथ बैठक और बातचीत के बाद भी गेस्ट टीचर्स अपनी मांगों पर लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े है. गेस्ट टीचर्स ने बताया कि सरकार ने कहा था कि मंत्रिमंडल के विस्तार के कारण अभी कुछ बातों पर अधिकारियों से बात होनी है. लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार होने के बाद अभी तक सरकार ने बातचीत के लिए नही बुलाया. गेस्ट टीचर्स का कहना है कि अब हम आरपार की लड़ाई के लिए तैयार है.
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गेस्ट टीचर संजय तोशाम ने कहा कि एक तरफ पूरा देश नया साल जश्न के साथ मनायेगा तो वही गेस्ट टीचर्स अपने परिवार से दूर रहकर सड़कों पर धरना देते हुए नया साल मनायेंगे. उन्होंने कहा कि हर बार सरकार आश्वासन देती है, लेकिन लिखित रूप में कुछ भी नहीं मिला. गेस्ट टीचर्स का कहना है कि हम अपनी मांगों को मनवाकर की यहां से उठेंगे.
जहां एक तरफ गेस्ट टीचर्स अपनी मांगो को लेकर धरने पर है तो वही शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने साफ कर दिया है कि नियमों के अंतर्गत जो मदद हो सकती है वो की जाएगी. सरकार की सहानुभूति इनके साथ है और सरकार इनके फेवर में है. कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि अधिकारियों से बातचीत करवाई गई. इनकी यूनियन का ही कुछ विवाद है, जिस वजह से यह धरने पर बैठे है कुछ सहमत तो कुछ असहमत है.