यमुनानगर: बेसहारा गोवंश दुर्दशा के लिए पशु पालक खुद भी जिम्मेदार हैं. यमुनानगर में ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं है, जो सुबह के समय पशुओं को शहर में खुला छोड़ देते हैं और शाम को पकड़कर बांध लेते हैं, फिर दूध देना बंद करने पर उनको बाहर का रास्ता दिखा देते हैं. ये गोवंश दिनभर शहर में सड़कों किनारे या डिवाइडरों पर चरते रहते हैं. सड़कों पर घूम रहे ये गोवंश हादसों का कारण बन रहे हैं. उधर नगर निगम अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं.
बेसहारा गोवंशों के लिए यमुनानगर में 18 गौशालाएं बनी हैं, लेकिन क्षमता कम है. जो गोवंश यहां पहले से हैं, उनके लिए भी कई चारे और जगह की कमी पड़ जाती है. ये बताया जा रहा है कि गोशाला में गोवंश छोड़ने पर पर्ची कटती है. इसके लिए राशि निर्धारित है. इससे बचने के लिए लोग गोवंश को सड़कों पर छोड़ देते हैं. ऐसा भी बताया जाता है कि कुछ लोग गोवंश को ट्रॉली में भरकर दूर छोड़ आते हैं. रात के अंधेरे में ये खेल खेला जाता है.