सरस्वती शुगर मिल में किसानों ने गन्ने की सप्लाई रोकी. यमुनानगर:हरियाणा के किसान गन्ने का रेट बढ़ाने को लेकर निर्णायक आंदोलन के मूड में आ चुके हैं. किसानों ने शुक्रवार को प्रदेश की सभी शुगर मिलों पर गन्ने की सप्लाई ठप कर दी. हरियाणा में चल रहे गन्ना किसान आंदोलन को देखते हुए शुगर मिलों ने सप्लाई बंद किए जाने से पहले ही गन्ने का दोगुना स्टॉक जमा कर लिया है. ऐसे में गन्ना सप्लाई बंद करने का फिलहाल शुगर मिलों पर असर नहीं पड़ेगा लेकिन आंदोलन लंबा चलने की स्थिति में शुगर मिल बंद भी हो सकती हैं.
हरियाणा के गन्ना किसान पिछले 2 महीने से गन्ने का रेट बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. हरियाणा में इस समय गन्ने का रेट 362 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि किसान गन्ने का रेट 450 रुपए प्रति क्विंटल किए जाने की मांग कर रहे हैं. इस बार नवंबर के प्रथम सप्ताह में हरियाणा की शुगर मिलों ने पेराई शुरू की थी. जबकि डेढ़ महीने बाद सरकार ने इस बार गन्ने का रेट नहीं बढ़ाने का फैसला करते हुए पिछले वर्ष की रेट 362 रुपए प्रति क्विंटल की रेट पर का ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया था.
पढ़ें:हरियाणा में बीपीएल परिवारों को तोहफा, राशन में सरसों तेल के लिए 50 रुपये ज्यादा मिलेगा पैसा
जिसके बाद हरियाणा के किसान लामबंद हुए और उन्होंने धरने प्रदर्शन शुरू कर दिए. इसके बाद से गन्ना किसान लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में किसानों ने 17 जनवरी से गन्ने की छिलाई बंद कर दी थी और गुरुवार से प्रदेश की शुगर मिलों में गन्ने की सप्लाई भी बंद कर दी है. एशिया की सबसे बड़ी सरस्वती शुगर मिल यमुनानगर में किसानों ने गन्ने की सप्लाई रोक दी है. हालांकि पिछली रात बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्रॉली गन्ना लेकर शुगर मिल पहुंची थी.
पढ़ें:ई टेंडरिंग के विरोध में प्रदर्शन जारी, करनाल में आमने सामने किसान और पुलिस
शुगर मिल ने निर्धारित संख्या से दोगुनी संख्या में गन्ना मंगवा कर अगले कुछ दिनों का इंतजाम कर लिया है. अगर यह आंदोलन लंबा चलता है, तो सप्लाई नहीं होने के चलते शुगर मिलें बंद हो जाएंगी. भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष संजू गुदियाना का कहना है कि गन्ने का रेट बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. हम 450 रुपए प्रति क्विंटल गन्ने का रेट तय किए जाने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस मामले में किसानों के हितों को ध्यान में रखकर कोई निर्णय नहीं लेती है, तो वे 23 जनवरी को करनाल में किसानों की महापंचायत में अगला निर्णय लेंगे.