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फिम्स में डेड बॉडी का इलाज करते रहे डॉक्टर, परिजनों को पता चला तो अस्पताल में काटा हंगामा - सोनीपत का फिम्स अस्पताल

सोनीपत के फिम्स अस्पताल में एक युवक की मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया (youth died in FIMS Hospital Sonipat) है. परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने बिल बढ़ाने के लिए युवक को अस्पताल में रखा और उन्हें युवक की मौत की जानकारी नहीं दी गई.

youth died in FIMS Hospital Sonipat
youth died in FIMS Hospital Sonipat

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Published : Dec 18, 2022, 8:37 AM IST

Updated : Dec 18, 2022, 10:31 AM IST

फिम्स अस्पताल में एक युवक की मौत

सोनीपत:सोनीपत का फिम्स अस्पताल (FIMS Hospital Sonipat) अक्सर सुर्खियों में रहता है. एक बार फिर फिम्स हॉस्पिटल चर्चा में बना हुआ है. अस्पताल में इलाज के दौरान युवक की मौत के बाद मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर पर गंभीर आरोप (youth died in FIMS Hospital Sonipat) लगाया है. परिजनों का कहना है कि उनके मरीज की पहले ही मौत हो चुकी थी लेकिन डॉक्टरों ने जानबूझकर मरीज को इलाज के लिए रखा और लाखों रुपये का बिल बना दिया.

वहीं मौत के बाद डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा. बता दें कि सोनीपत के गांव राई निवासी धर्मवीर के परिजनों ने 10 दिन पहले धर्मवीर को बीपी हाई की शिकायत के बाद सोनीपत में स्थित फिम्स अस्पताल में भर्ती करवाया था. उसके बाद डॉक्टरों ने बताया कि उनके दिमाग की नस फट चुकी है. साथ ही डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने का नाम पर परिजनों से 4 लाख जमा कराने को कहा.

सोनीपत के फिम्स अस्पताल में एक युवक की मौत

लेकिन इलाज के दौरान परिवार के किसी भी सदस्य को धर्मवीर से मिलने नहीं दिया गया. परिजनों को जब शक हुआ तो उन्होंने मरीज को रेफर करने की बात कही. परिवार का आरोप है कि रेफर करने की बात पर डॉक्टर ने उनके मरीज की मौत होने की बात कही. जबकि धर्मवीर की पहले ही मौत हो चुकी (Dead body treatment in FIMS) थी. जिसके बाद परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों ने हॉस्पिटल में जमकर बवाल काटा और हॉस्पिटल के सभी गेट को बंद कर दिया.

वहीं हॉस्पिटल के मेन गेट के सामने धरने पर परिजन बैठ गए. परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. आरोप है कि 10 दिन पहले जब धर्मवीर को अस्पताल में दाखिल करवाया गया था तब डॉक्टरों ने कोई जानकारी नहीं दी थी. फिर बाद में जानकारी दी कि उनके दिमाग की नस फट चुकी है और ऑपरेशन करना बहुत जरूरी है. जिसके बाद ऑपरेशन करवाया गया और जब भी मिलने के लिए जाते थे तो परिजनों को मिलने नहीं दिया जाता था. उन्होंने कहा कि 10 दिन का बिल डॉक्टरों ने 14 लाख रुपये बनाया है. परिजनों ने कहा कि एक गरीब परिवार इतना बड़ा बिल कहां से देगा.

वहीं बकाया बिल न देने पर हॉस्पिटल प्रशासन शव देने से इंकार कर रहा. पूरे मामले के बाद अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों ने मीडिया के कैमरे से दूरी बना ली. लेकिन जब फोन पर अस्पताल के प्रबंधक से बात की गई तो प्रबंधक राजपाल जैन ने बताया कि परिवार के सदस्यों से बात हो गई है और हम लगातार बात कर रहे हैं. मामले को सुलझा लिया जाएगा.

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Last Updated : Dec 18, 2022, 10:31 AM IST

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