सोनीपत:बरोदा उपचुनाव को लेकर पार्टी उम्मीदवारों के नाम के ऐलान के बाद से प्रदेश में सियासी पारा गर्माता जा रहा है. सभी पार्टियों के नेता लगातार एक के बाद एक बैठकें और रैलियां कर रहे हैं. दिल्ली हो या चंडीगढ़. हरियाणा की इस सीट पर सभी की नजरें टिकी हैं. ये सीट जीतना कांग्रेस के लिए इज्जत, भाजपा-जजपा के लिए साख तो वहीं इनेलो के लिए दोबारा से राजनीति में पकड़ बनाने के लिए उम्मीद की किरण है. इसलिए सभी पार्टियां चुनाव जीतने के लिए पूरा दम लगा रही हैं. लेकिन ये भी देखना जरूरी है कि अब तक के प्रतिनिधियों ने बरोदा की जनता के लिए किया क्या है? ईटीवी भारत की टीम राजनीतिक दलों के दावों और ग्राउंड जीरो की सच्चाई को जानने के लिए पहुंच चुकी है बरोदा के गांव भैंसवाल में.
गांव भैंसवाल में हवा-हवाई विकास के दावे
इस गांव के लोगों के कहना है कि उनके गांव में बिजली-पानी की समस्या है, लेकिन ये समस्या किसके गांव में है? ये भी अहम सवाल है. क्योंकि ये गांव बीजेपी-जेजेपी गठबंधन उम्मीदवार योगेश्वर दत्त का गांव भैंसवाल है. जो 2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीट पर चुनाव हार गए थे, लेकिन उनकी लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी की ओर से फिर से उन पर विश्वास जताया गया है और इस गांव में सरकार ने कितना काम कराया है? ये आपके सामने है.
गांव का मुहाना हो या गांव की नहर. हर तरफ गंदगी के अंबार लगे हैं. गांव की गलियां उखड़ चुकी हैं. जो सरकार स्वच्छता के कसीदे पढ़ती है. उसके दिग्गज नेता योगेश्वर दत्त के गांव में चारों ओर गंदगी पसरी हुई है. विकास के नाम पर सीवर लाइन डालने के लिए गलियां खोद गई हैं, लेकिन काम धीमा होने की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है.