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दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति ने समझाया विज्ञान का महत्व - सोनीपत न्यूज

दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के कुलपति प्रो.राजेंद्र कुमार अनायत ने कहा कि विद्यार्थियों को विज्ञान एवं सूडो विज्ञान में भेद को समझने की आवश्यक्ता है. वर्तमान समय में नवीनतम तकनीक के साथ विज्ञान के दुष्परिणामों को भी ध्यान में रखना आवश्यक है.

Deenbandhu Chhotu Ram University
Deenbandhu Chhotu Ram University

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Published : Jan 20, 2020, 4:45 PM IST

सोनीपत: दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के कुलपति प्रो.राजेंद्र कुमार अनायत ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास में विज्ञान का अहम रोल होता है. हमें देश को आगे ले जाने के लिए अधिक वैज्ञानिकों की आवश्यक्ता है. प्रो.अनायत विद्यार्थी विज्ञान मंथन के राज्यस्तरीय प्रतिस्पर्धा कार्यक्रम 2019-20 के उद्घाटन में बतौर मुख्यातिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे.

'विज्ञान को मानव कल्याण के लिए करें इस्तेमाल'

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को विज्ञान एवं सूडो विज्ञान में भेद को समझने की आवश्यक्ता है. वर्तमान समय में नवीनतम तकनीक के साथ विज्ञान के दुष्परिणामों को भी ध्यान में रखना आवश्यक है. हमें विज्ञान को मानव कल्याण के लिए प्रयोग करना चाहिए. जिससे मानव का जीवन यापन सरल और सुगम हो सके. हमारे राष्ट्र का भविष्य उज्ज्वल है, क्योंकि हमारे छोटे-छोटे वैज्ञानिक अपनी प्रतिभाओं का हर स्तर पर लोहा मनवा रहे हैं.

दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति ने समझाया विज्ञान का महत्व

'हमें भारतीय होने पर गर्व है'

उन्होंने कहा कि हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं है, हमें अपने देश की प्रतिभा को तराशना होगा. इस दौरान कुलपति प्रो.अनायत ने कहा कि उपनिषद और श्रीमद्भगवद गीता हमारे दार्शनिक ग्रंथ हैं. ये विद्यार्थियों को अच्छा मानव बनाने में अति महत्वपूर्ण हैं. विद्यार्थियों को अपने पाठयक्रम के साथ साथ दार्शनिक ग्रंथों का भी अध्ययन करना चाहिए, ताकि वे भविष्य में विज्ञान का मानव के कल्याण के लिए सदुपयोग कर सकें. उन्होंने कहा कि हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए, जिस प्रकार विश्व के उन्नत देशों जैसे जापान व अमेरिका आदि के निवासियों को होता है.

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विश्वविद्यालय में प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें 13 जिलों के 141 विद्यार्थियों ने भाग लिया. विद्यार्थियों को दो भागों में विभाजित किया गया है. जूनियर में 6 से आठ तथा सीनियर में 9 से 11 तक की कक्षा को रखा गया है. उन्होंने कहा कि रसायन, भौतिकी, जैविक व गणित की लिखित व प्रायौगिक परीक्षाओं के आधार पर मूल्याकंन किया जाएगा. विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं में विशेषज्ञों द्वारा विद्यार्थियों का मूल्याकंन किया जाएगा.

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