सोनीपत: तस्वीरों में दिखाई देने वाली यह दोनों बहनें सोनीपत की रहने वाली लायशा और कायना है. दोनों बहनें ऊटी के शेफर्ड स्कूल की छात्रा हैं. लायशा और कायना करीब पिछले 3 हफ्तों से बहालगढ़ रोड पर स्थित एक पेट्रोल पंप पर अपनी पुरानी किताबों की एक स्टॉल लगा रखी (book Stall To Teach Orphans In Sonipat) है. ये दोनो अनाथ और असहाय बच्चों के लिए डोनेशन इकट्ठा कर रही हैं. दोनों बच्चों की अनूठी पहल की चर्चा पूरे सोनीपत में है.
सोनीपत में दो बहनों की अनूठी पहल, अनाथ बच्चों को पढ़ाने के लिए लगाई अपनी पुरानी किताबों की स्टॉल - Shepherd School of Ooty
बेटियां माता-पिता के लिए बोझ नहीं होती. ये कहावत सोनीपत की रहने वाली दो बेटियां चरितार्थ कर रही (Unique initiative of two sisters in Sonipat) है. अनाथ और असहाय बच्चों के लिए 9वीं और 12वीं में पढ़ने वाली दो सगी बहनें पेट्रोल अपनी पुरानी किताबों का स्टॉल लगाकर वाहन चालकों को अनाथ और असहाय बच्चों के लिए डोनेशन देने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं.
यहां आने-जाने वाले वाहन चालकों को यह दोनों बेटियां पढ़ाई से वंचित अनाथ और असहाय बच्चों के लिए डोनेशन देने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं. जो लोग बच्चों से किताबें नहीं खरीद रहे हैं वो बच्चियों को डोनेशन दे कर जा रहे हैं. वहीं दोनों बच्चियां अपने आस-पड़ोस के बच्चों को भी इस तरह काम के लिए प्रेरित कर रही हैं.
लायशा और कायना ने बताया कि वे अनाथ और असहाय बच्चों के लिए डोनेशन इकट्ठा करने के लिए इस तरह का कदम उठा रही हैं. उन्हें यह प्रेरणा अपने माता पिता से मिली है क्योंकि उनके माता-पिता सेफ इंडिया फाउंडेशन से जुड़े हैं जोकि समाज में अच्छे कामों के लिए बनी है. यह फाउंडेशन बच्चों की पढ़ाई के लिए काम कर रही है.
उन्होंने बताया कि वह अपने माता-पिता के दोस्तों और अपने परिवार वालों के साथ- साथ आस-पड़ोस से भी किताबें लाकर यहां पर रख रही हैं ताकि वाहन चालक आएं और किताब लेकर उन्हें डोनेशन दें. अगर कोई वाहन चालक किताब नहीं लेकर जाता तो वह डोनेशन देकर जाता है. दोनों बेटियों के इस कदम को सोनीपत में काफी सराहना मिल रही है. लोगों का कहना है कि दोनों बेटियां अनाथ और पढ़ाई से वंचित रहने वाले बच्चों के लिए इस तरह का कदम उठा रही हैं जोकि काफी सराहनीय है. हम अन्य समर्थ बच्चों से भी अपील करते हैं कि वह इस तरह के कार्य जरूर करें.