सोनीपत: तीन कृषि कानून (Three Agricultural Laws) को रद्द करने की मांग को लेकर किसान दिल्ली से लगती सीमाओं पर डटे हैं. 26 अगस्त यानी आज के दिन किसानों के आंदोलन को 9 महीने पूरे (Kisan Andolan completes 9 months) हो चुके हैं. लिहाजा किसानों ने कुंडली बॉर्डर (Kundli Border Sonipat) पर आज से दो दिवसीय किसान सम्मेलन का आयोजन किया. इस किसान सम्मेलन में देश के सभी किसान और किसान नेता एकजुट हुए. किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले एक साथ नजर आए.
इस सम्मेलन में किसान नेताओं ने किसानों से आंदोलन को और तेज करने की मांग की है. संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के आह्वान पर अखिल भारतीय किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया है, जो कि 2 दिन तक चलेगा. किसानों के मुताबिक साल 2022 में देश के 5 राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं. पंजाब और उत्तर प्रदेश में बीजेपी पार्टी को पश्चिमी बंगाल जैसी हार का सामना करना पड़े, इसके लिए वो अलग अलग तरह की रणनीति बना रहे हैं. 2 दिन के सम्मेलन में किसानों की आगामी रणनीति को लेकर चर्चा होगी.
किसान नेता जोगिंदर उग्राह ने कहा कि हम पंजाब में केवल भारतीय जनता पार्टी का ही विरोध करेंगे, क्योंकि बीजेपी ने ही ये कानून बनाए हैं. जोगेंद्र सिंह ने कहा कि 5 सितंबर को हम उत्तर प्रदेश मिशन के लिए मुजफ्फरनगर में बड़ी महापंचायत का आयोजन करेंगे. 25 सितंबर को पूरे देश में राष्ट्रव्यापी हड़ताल रखी गई है. इस दौरान पंजाब और हरियाणा में बीजेपी नेताओं का विरोध लगातार जारी रहेगा.
किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait Farmer Leader) ने कहा कि किसान आंदोलन को 9 महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन सरकार बातचीत को तैयार नहीं है, बहुत से लोग ये कहते हैं कि जहां-जहां चुनाव है. वहां-वहां की तैयारी कर लेते हैं, लेकिन ये बात गलत है. हमें अगर सरकार को इन तीन कृषि कानूनों के विरोध में झुकाना है तो पूरे देश में इसका विरोध करना होगा. हमारे संयुक्त किसान मोर्चा के 40 नेता पूरे देश में जाएंगे. यहां पर कोई भी है, गलतफहमी ना पाले कि इस आंदोलन को 40 किसान नेता चला रहे हैं, बल्कि इस आंदोलन में पूरा देश भागीदारी दे रहा है. इस आंदोलन में 550 संगठन अपनी आहूति दे रहे हैं.