सोनीपत: एशियन गेम्स में कुश्ती के मुकाबले शुरू हो चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत को कुश्ती से हमेशा उम्मीद रहती है. इस बार के एशियन गेम्स में सोनीपत के सुनील कुमार ने कांस्य पदक के साथ कुश्ती में पदकों का खाता खोल दिया है. सुनील के पदक जीतने के बाद उनके परिवार और गांव में खुशी का माहौल है.
सुनील के मैच के दौरान उनके घरवालों ने उनकी जीत के लिए मंदिर में पूजा की. अभी और भी मुकाबले होने बाकी हैं. हरियाणा के सोनीपत के गांव डबरपुर के पहलवान सुनील ने चीन के हांगझोऊ में आयोजित एशियन गेम्स में देश के लिए कांस्य पदक जीता है. नितिन मलिक ने बताया कि उनके भाई सुनील ने 87 किलोग्राम भारवर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए कांस्य पदक जीता है.
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सुनील की उपलब्धि से परिवार व ग्रामीणों में खुशी की लहर है. इससे पहले वो इसी वर्ष रोमानिया कप में गोल्ड, अप्रैल में कजाकिस्तान के अस्ताना में हुई सीनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके हैं. इससे पहले दिल्ली में वर्ष 2020 में हुई सीनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में उन्होंने स्वर्ण जीता था. सुनील मलिक की मां अनीता देवी का कहना है कि हमें बेटे की उपलब्धि पर गर्व है. किसान परिवार से संबंध रखने वाले सुनील मलिक जब कक्षा पांचवी में थे तभी से उन्होंने पहलवानी में हाथ आजमाना शुरू किया था. उन्होंने सबसे पहले निडानी में कुश्ती की तैयारी शुरू की.
इसके बाद सुनील ने खरखौदा के प्रताप अकादमी में कुश्ती का प्रशिक्षण लिया. फिर सुनील रोहतक में मेहर सिंह अखाड़े में कुश्ती की तैयारी करते रहे. सुनील इससे पहले भी वर्ष 2018 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक, 2019 में हुई विश्व रैंकिंग सीरीज में रजत व वर्ष 2019 में हुई सीनियर एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक जीत कर देश का मान बढ़ा चुके हैं.
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