सोनीपत: हरियाणा में पराली जलाने को लेकर सोनीपत प्रशासन एक्शन मोड में नजर आ रहा है. सोनीपत जिले में प्रशासन ने पराली जलाने वाले दो किसानों पर एफआईआर दर्ज करवाई है. जिला प्रशासन लगातार किसानों से अपील कर रहा है कि वह पराली ना जलाए. सेटेलाइट के माध्यम से जिला प्रशासन ने 17 ऐसी जगहों को पकड़ा है, जहां पर प्रदूषण हो रहा था, जिनमें से 15 जगह परली जलाई जा रही थी.
सोनीपत डीसी मनोज कुमार ने जानकारी दी कि पराली को लेकर प्रशासन की सख्ती लगातार जारी है. सोनीपत जिले में जो भी किसान पराली जला रहा है, सैटेलाइट के माध्यम से उस पर नजर रखी जा रही है. अभी तक सोनीपत जिले में सैटेलाइट के जरिए जिला प्रशासन ने 17 ऐसी जगहों को पकड़ा है जहां पर प्रदूषण फैलाया जा रहा था.
ये भी पढ़ें-Stubble Burning In Haryana: हरियाणा में फिर शुरू हुआ पराली जलने का सिलसिला, 10 दिन में सामने आए 47 मामले, जानें क्या कहते हैं आंकड़ें
17 जगह में से 15 जगह पर किसानों द्वारा पराली जलती हुई मिली है, जबकि दो जगह इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित फैक्ट्री चिन्हित हुई है जो प्रदूषण फैला रही थी. पराली जलने वाले किसानों पर ढाई- ढाई हजार रुपए एकड़ के हिसाब से जुर्माना किया गया है. इसके साथ ही दो किसानों पर एफआईआर भी दर्ज हुई है. प्रदूषण को लेकर फैक्ट्री से संबंधित विभागों को भी जानकारी दे दी गई है. अगर किसी भी फैक्ट्री से प्रदूषण फैल रहा है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. डीसी मनोज कुमार ने किसानों से अपील की है कि वो पराली ना चलाएं.
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के लिए पराली जलाने की घटना प्रमुख तौर पर जिम्मेदार है. खरीफ फसल की कटाई के साथ ही पराली जलाने के मामले भी बढ़ जाते हैं. पराली जलाने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं. हलांकि उसके बावजूद किसान पराली जलाने से बाज नहीं आते. सरकार पराली नहीं जलाने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि भी देती है.
ये भी पढ़ें-सोनीपत में 300 एकड़ पराली में लगी आग, किसान को लाखों रुपये का नुकसान