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बयान बदलने के लिए मांगे थे 10 लाख, विजिलेंस टीम ने रंगे हाथ किया गिरफ्तार

समालखां के बलजीत नामक व्यक्ति को राज्य चौकसी ब्यूरो ने रंगे हाथों ब्लैकमेलिंग का पैसा लेते गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी बलजीत ने बयान बदलने के नाम पर 10 लाख रुपये की मांग की थी. पढ़ें क्या है पूरा मामला ?

sonipat state vigilance bureau arrested one blackmailer
sonipat state vigilance bureau arrested one blackmailer

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Published : Dec 3, 2019, 8:12 PM IST

सोनीपत: स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करवा कर उन्हें ब्लैकमेल करने के आरोपी को विजिलैंस टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. आरोपी बलजीत समालखा के किवाना गांव का रहने वाला है. बलजीत नागरिक अस्पताल सोनीपत में तैनात कर्मचारी प्रदीप राणा, नरेश को ब्लैकमेल कर अपनी शिकायत में बयान बदलने के नाम पर लाखों रुपयों की मांग कर रहा था.

विस्तार से पढ़ें पूरा मामला-
पानीपत के गांव किवाना निवासी बलजीत ने विजिलैंस को शिकायत दी थी कि उसके भाई प्रदीप ने गढ़ी झिझारा में विवाहित भांजी प्रियांशी को गोद ले रखा है. अब जन्म प्रमाण पत्र में प्रियांशी के माता-पिता का नाम बदलवाने के लिए अस्पताल में 16 सितंबर को फाइल जमा करवाई थी.

बयान बदलने के लिए मांगे थे 10 लाख, विजिलैंस टीम ने रंगे हाथ किया गिरफ्तार

बलजीत का आरोप है कि इसके बाद वो नागरिक अस्पताल की जन्म-मृत्यु शाखा में कई बार प्रियांशी का जन्म प्रमाण पत्र लेने के लिए गए, लेकिन प्रमाण-पत्र नहीं मिला. आरोप है कि वहां कार्यरत कर्मचारी नरेश ने चार हजार रुपये मांगे. बाद में कर्मचारी प्रदीप राणा ने 6 हजार रुपये मांगे और कहा कि जब तक रुपये नहीं देंगे तब तक प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा.

कर्मचारी ने उनकी फाइल गायब करने की भी धमकी दी. बार-बार तंग करने के बाद उन्होंने आरोपियों की रिश्वत मांगे जाने की बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली. बलजीत ने रिकॉर्डिंग को राज्य चौकसी ब्यूरो को सौंपा जिसके बाद विजिलैंस टीम ने दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था.

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बयान बदलने के नाम पर 10 लाख रुपये की मांग
कर्मचारी प्रदीप राणा ने बताया कि जन्म प्रमाण पत्र में प्रियांशी के माता-पिता का नाम बदलवाने के लिए अस्पताल में 16 अगस्त को फाइल जमा करवाई गई थी. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जरूरी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद संबंधित पीएचसी को प्रियांशी के माता-पिता का नाम बदलने की परमीशन भी दे दी गई थी, लेकिन इस बीच बलजीत ने उनकी एक झूठी ऑडियो तैयार कर उसके और नरेश के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया था और अब उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था.

बलजीत अपने बयान बदलने के नाम पर उनसे 10 लाख रुपये की मांग कर रहा था, लेकिन बलजीत के साथ उनका सौदा साढे़ तीन लाख रुपये में तय हो गया. इसके बाद उन्होंने राज्य चौकसी ब्यूरो का इस बारे में सूचना दी. बलजीत को शपथ पत्र देने के लिए सोमवार को गन्नौर तहसील में बुलाया गया.

जब बलजीत तहसील में पहुंचा तो प्रदीप राणा ने निरीक्षक कनुप्रिया और उनकी टीम के सदस्यों के सामने बलजीत को 2 लाख रुपये नगद व डेढ़ लाख रुपये का चैक सौंप दिया. इसी दौरान निरीक्षक कनुप्रिया और उनकी टीम के सदस्यों ने बलजीत को रंगे हाथों पकड़ लिया. प्रदीप राणा ने बताया कि बलजीत ब्लैकमेल कर दूसरे लोगों को भी अपना शिकार बनाता था.

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