सोनीपत:हरियाणा के सोनीपत में गांव छिछड़ाना में हुई सरपंच राजेश उर्फ राजू की हत्या मामले में दो दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है. ऐसे में मृतक के परिजनों में पुलिस प्रशासन के खिलाफ रोष है. परिजनों ने पुलिस प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पिछले साल दलवीर फौजी की हत्या के बाद राजेश के हत्यारों को सुरक्षाकर्मी मुहैया कराया गया था. जिसकी मौजूदगी में सरपंच की हत्या की गई थी.
पुरानी रंजिश के चलते वारदात: दरअसल, 11 दिसंबर को छिछड़ाना गांव के सरपंच की गोली मारकर हत्या की गई थी. हत्या के बाद गांव में दहशत फैलाने के लिए इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट डालकर हत्या की जिम्मेदारी ली गई थी. जांच में पता चला कि हरियाणा में साल 2022 में 10 नवंबर को पंचायती चुनाव के दौरान गांव के ही सरपंच पद के प्रत्याशी दलवीर फौजी की वोटिंग से पहले गोली मारकर हत्या की गई थी. इस मामले में सरपंच राजेश उर्फ राजू का भी नाम सामने आया था. राजेश के अलावा अन्य प्रत्याशियों को भी हत्या का जिम्मेदार बताया गया था.
हत्या करने के बाद कबूलनामा: जांच के बाद पुलिस ने सरपंच राजेश को क्लीन चिट दे दी थी. जो पोस्ट इंस्टाग्राम पर डाली गई है, उस पोस्ट में दलवीर फौजी का बेटा साहिल और राजेश उर्फ बाबा का लड़का है. उन्होंने पोस्ट डालकर कहा है कि 'अभी तो शुरुआत है, आज दलवीर फौजी की आत्मा को शांति मिली है'.
पुलिस पर कार्रवाई ना करने का आरोप: मृतक राजेश उर्फ राजू सरपंच के बड़े भाई मनोज का कहना है कि पुलिस को मौखिक रूप में पहले ही बताया गया था कि आरोपी पक्ष द्वारा गाली-ग्लौज का इस्तेमाल बार-बार किया जाता है, उनकी ओर से धमकियां भी दी जाती है. मनोज ने बताया कि एक बार पुलिस गांव में आई थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. मनोज का आरोप है कि दलवीर फौजी की हत्या के बाद उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई गई थी. इतनी बड़ी तादात में हथियार लेकर आना और हत्या जैसी वारदात को अंजाम देने में पुलिस की भी मिलीभगत नजर आ रही है.