हरियाणा

haryana

सोनीपत शराब घोटाला: बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर ने की थी FIR से नाम हटवाने की कोशिश

By

Published : Jun 25, 2020, 7:54 AM IST

सोनीपत शराब घोटाले में आरोपी बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर ने पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे किए हैं. शराब घोटाले में नाम आने के बाद जसबीर कई दिनों तक दिल्ली में रहा और फिर उसके बाद वो कुछ दिन के लिए राजस्थान चला गया.

sonipat liquor scam update
sonipat liquor scam update

सोनीपत: शराब घोटाले मामले में सरेंडर करने वाला बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सेना से सेवानिवृत था. उसने हमेशा से सेना और पुलिस के नियमों को विपरीत काम किया. फिलहाल जसबीर जेल की हवा खा रहा है. पूछताछ में पता चला कि शराब घोटाले में नाम आने के बाद सबसे पहले जसबीर ने पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया और एफआईआर में दर्ज नाम को निकाले की कोशिश की.

जब बात नहीं बनी तो जसबीर ने राजनीतिक मदद भी लेने की कोशिश की, लेकिन लगातार तूल पकड़ते मामले की वजह से उसे कोई राहत नहीं मिली. जसबीर को उम्मीद थी कि उसे अग्रिम जमानत मिल जाएगी. उसने सेशन कोर्ट से हाई कोर्ट तक याचिका लगाई. लेकिन कहीं पर उसकी याचिका स्वीकार नहीं हुई. एसआईटी के अनुसार जसबीर कई दिनों दिल्ली में रहा. वहां पुलिस की दबिश बढ़ने पर वो कुछ दिन के लिए राजस्थान चला गया.

एसआइटी को राजस्थान से उत्तर प्रदेश और दिल्ली से चंडीगढ़ तक उसकी भागदौड़ की लोकेशन मिलती रही. अब उसकी काली कमाई से अर्जित की गई संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अदालत उसे भगोड़ा घोषित कर चुकी थी. जब जसबीर चारों ओर से हताश हो गया तो उसने सरेंडर कर दिया. सम्मानजनक नौकरी करने वाले जसबीर ने खुद को बेइज्जती के चौराहे पर तो लाकर खड़ा कर दिया, साथ ही पुलिस और सेना के सम्मान को भी नुकसान पहुंचाया.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. भूपेंद्र इस गोदाम का ठेकेदार है. ठेकेदार भूपेंद्र को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाइपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

ये भी पढ़िए:शराब घोटाला: शिकायत मिलने के बाद भी भूपेंद्र पर कार्रवाई नहीं करता था इंस्पेक्टर धीरेंद्र

पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम ये रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा, जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात हैं. इस शराब घोटाले में खरखौदा थाने के दो एसएचओ समेत 13 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details