सोनीपत: एसईटी के मुताबिक खरखौदा शराब घोटाले में पुलिस अधिकारी प्रशासनिक जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. जांच टीम बनने के एक महीने बाद भी कोई अधिकारी अपना पक्ष रखने के लिए सामने नहीं आया है. नोटिस का भी अधिकारी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं. जिससे की मामले में जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है. बर्खास्त इंस्पेक्ट जयपाल ने एसईटी के सामने पेश होने से इंकार कर दिया. तो वहीं सस्पेंड इंस्पेकर अरुण कुमार मेडिकल लगाकर समय देने की मांग कर रहे हैं.
अब एसईटी जसबीर को नोटिस जारी करेगी. इसके अलावा अभी पुलिसकर्मियों को टीम ने अपने सामने पक्ष रखने का मौका दिया है. शराब घोटाले में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ अधिकारियों ने प्रशासनिक जांच भी शुरू की थी. इसमें पुलिस ने आरोपियों को एसईटी के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखने का मौका दिया था. उसके आधार एसईटी जांच को आगे बढ़ाएगी.
जांच टीम की जिम्मेदारी डीएसपी सिटी डॉ. रविद्र कुमार को सौंपी गई थी. प्रशासन टीम की ओर से सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर इसकी सूचना दे दी गई थी. इनको टीम के सामने आकर अपना पक्ष रखना था. एसईटी ने ऐसे पुलिसकर्मियों को दोबारा से नोटिस जारी किया है, जो पुलिस की जांच में सहयोग नहीं कर रहे. बता दें कि खरखौदा थाने के एएसआइ जयपाल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. वो जेल में हैं. प्रशासनिक टीम की ओर से भेजे गए नोटिस के उत्तर में जयपाल ने टीम के सामने पेश होने से इंकार कर दिया है.
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जयपाल का कहना है कि वो एसईटी टीम के सवालों का उत्तर उसका वकील देगा. खरखौदा थाने का पूर्व एसएचओ और सस्पेंड इंस्पेक्टर अरुण कुमार पहले टीम के सामने हाजिर नहीं हुआ. दो सप्ताह पहले उसने मेडिकल पुलिस को भेज दिया था. मेडिकल में उसने एक्सीडेंट के चलते पैर चोटिल होने की बात कही थी.