सोनीपत:शराब घोटाला मामले में एसईटी की कार्रवाई जारी है. पूछताछ के दौरान आरोपी बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सिंह ने शराब तस्करी और चोरी में अपनी मिलीभगत स्वीकार की है. इसके साथ ही उसने आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी हिस्सेदार बताया है. पुलिस ने उससे रिमांड के दौरान 42 हजार रुपये बरामद किए हैं. आरोपी जसबीर को एसईटी ने रोहतक से गिरफ्तार किया था. फिर उसको कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड पर लिया था. अब पूछताछ के दौरान एसईटी को उससे कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. जसबीर ने शराब तस्करी में अपनी मिलीभगत स्वीकार की, वहीं आबकारी विभाग के अधिकारियों का भी इसमें साझीदार बताया है.
एसईटी के मुताबिक जसबीर के एसएचओ बनने के बाद शराब तस्करी में और तेजी आ गई. जसबीर के सहयोग से भूपेंद्र शराब का धंधा खुलेआम करने लगा था. लॉकडाउन के दौरान शराब की ज्यादा कीमत मिल रही थी. उसके चलते गोदाम से चोरी कराकर शराब की बिक्री शुरू करा दी थी. इसकी जानकारी अधिकारियों तक पहुंच गई. अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद भी शराब तस्करी जारी रही. मुख्य आरोपी भूपेंद्र और जसबीर के बीच फरवरी में अनबन भी हो गई थी. हालांकि बाद में सुलह हो गई. पूछताछ में आरोपी जसबीर ने तीन लाख रुपये में सौदा करने की बात कही है. पुलिस ने जसबीर से 42 हजार रुपये भी बरामद किए हैं.
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दूसरी ओर मुख्य आरोपी भूपेंद्र की शराब तस्करी मामले में जमानत हो गई है. न्यायालय ने उसकी जमानत स्वीकार कर ली है. हालांकि अभी वो पानीपत शराब तस्करी और कई मामलों में वांछित है. बताया गया है कि भूपेंद्र को गुजरात से भी जमानत मिल गई है. जसबीर ने पूछताछ में कई अधिकारियों के नाम बताए हैं जो इस घोटाले में शामिल हैं. जसबीर से मिली जानकारी के आधार पर आबकारी विभाग की जांच का दायरा भी बढ़ाया जाएगा. फिलहाल न्यायालय ने जसबीर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. उसका कोरोना टेस्ट कराने के बाद जेल भेज दिया गया.