सोनीपत:गूगल पर फर्जी वेबसाइट और मोबाइल नंबर प्रमोट करके आम लोगों को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ सोनीपत पुलिस ने किया है. ये तीर्थयात्रा पर जाने वाले और योग प्रशिक्षण के लिए बुकिंग कराने वालों को ठगते थे. पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनका नाम सुधीर कुमार और छोटू चौधरी है.दोनों बिहार के रहने वाले हैं.इन दोनों को कोर्ट में पेश करके पुलिस ने आठ दिन के रिमांड पर लिया है.
Sonipat Cyber Crime Online Booking Fraud: गूगल पर ऑनलाइन बुकिंग करने वाले हो जाएं सावधान! सोनीपत में ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम देने वाले गिरोह का भंडाफोड़ - सोनीपत साइबर क्राइम
Sonipat Cyber Crime Online Booking Fraud Haridwar Patanjali Yogpeeth सोनीपत पुलिस ने ऑनलाइन बुकिंग में फ्रॉड करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. ये लोग हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ और पवन हंस हेलीकॉप्टर की फर्जी बुकिंग करके लोगों को ठगते थे. ये ऐसे लोगों को शिकार बनाते थे. जो तीर्थ यात्रा करने के लिए गूगल पर जाकर ऑनलाइन बुकिंग करते थे.
Published : Sep 9, 2023, 4:32 PM IST
|Updated : Sep 9, 2023, 6:57 PM IST
कैसे की ठगी ?: सोनीपत पुलिस के अनुसार एक व्यक्ति ने गूगल में जाकर हरिद्वार पतंजलि की वेबसाइट पर डॉक्टर का अपॉइंटमेंट लेना चाहा था. इसके लिए उसने गूगल में जाकर सर्च किया. उसको सर्च के परिणामों में कुछ फोन नंबर दिखाई दिए और वेबसाइट नजर आईं. व्यक्ति ने उस नंबर पर बात की. नंबर से मिली जानकारी के अनुसार उसने हरिद्वार पतंजलि पीठ में अपनी बुकिंग कराने के लिए 60 हजार रूपए दिए. इसके बाद उसे डॉक्टर का नाम और बुकिंग लेटर दिया गया. व्यक्ति उसे लेकर जब हरिद्वार स्थित पीठ पर पहुंचा. तो उसे पता चला कि बुकिंग हुई ही नहीं है.
पुलिस की तफ्तीश: पुलिस ने बताया कि ठगी का शिकार हुए व्यक्ति की शिकायत मिली.शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सोनीपत की साइबर थाना पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार दोनों आरोपी सुधीर कुमार और छोटू चौधरी बिहार के रहने वाले हैं. दोनों आरोपी पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के नाम पर फर्जी बुकिंग करते थे. वे केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने वाले यात्रियों को भी पवन हंस हेलीकॉप्टर की फर्जी बुकिंग करके ठगी का शिकार बनाते थे.इनके पास से पुलिस को 12 मोबाइल और 21 हजार रुपये की नगदी मिली है. पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करके 8 दिन का रिमांड लिया है. इस पूरे मामले ने डीसीपी गौरव राजपुरोहित ने बताया कि दोनों आरोपियों में से एक ने 12वीं और दूसरे ने बीए की पढ़ाई की है. गूगल में अपने नंबरों को ऊपर रखते थे. इसके कारण आम जनता शिकार बन जाती थी.