सोनीपत:हरियाणा के जिला सोनीपत में गांव मोहाना में पुरानी रंजिश के चलते दो भाइयों की हत्या करने के मामले में कोर्ट ने एक आरोपी को दोषी करार दिया है. अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. वारदात के दौरान एक हमलावर भी गोली लगने से मारा गया था. घटना के समय साथी को गोली लगने के बाद दोषी करार दिया युवक भाग गया था. वहीं, षड्यंत्र रचने के दो आरोपियों को बरी कर दिया गया है.
गांव मोहाना में 5 अगस्त, 2018 को अपने घर के सामने प्लॉट में लेटे विजय पर पुरानी रंजिश के चलते उनके पड़ोसी सुनील ने गोली चला दी थी. विजय शराब ठेके में साझेदार था. घटना के समय प्लॉट में सफाई कर रही विजय के भाई कुलदीप की पत्नी दीपा ने पुलिस को बताया था कि उनके जेठ विजय चारपाई पर लेटे थे. तभी पड़ोसी सुनील ने आकर उन्हें गोलियां मार दी. इस पर महिला ने शोर मचा दिया था.
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शोर मचाने पर महिला का दूसरा जेठ प्रदीप भी मौके पर पहुंच गया था. उन्होंने सुनील को पकड़ लिया था. जिस पर उनमें हाथापाई हुई तो गोलियां चल गई थी. इस दौरान प्रदीप को भी गोली लगी थी. वहीं सुनील को भी गोली लग गई थी. जिसके बाद सुनील भाग गया था. बाद में तीनों घायलों को पीजीआई रोहतक ले जाया गया था. पुलिस ने दीपा के बयान पर सुनील के खिलाफ हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज कर लिया था.
बाद में उपचार के दौरान विजय, प्रदीप व सुनील तीनों की मौत हो गई थी. इस मामले की जांच सीआईए को सौंपी गई थी. सीआईए ने मामले में कार्रवाई करते हुए अक्षय, आनंद, अनिल व दलबीर को गिरफ्तार किया था. पुलिस का कहना था कि आरोपियों ने बताया है कि पहले विजय के साथ हुए झगड़े में उनका मुकदमा कोर्ट में चल रहा था. जिसका बदला लेने के लिए अनिल व दलबीर ने हत्या का षड्यंत्र रचा था.
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बाद में सुनील व अक्षय घटना को अंजाम देने गए थे. हमले में सुनील को भी गोली लग गई थी. जिसके बाद बाहर खड़ा अक्षय वहां से भाग निकला था. वहीं, आनंद ने वारदात के लिए हथियार मुहैया कराए थे. पुलिस ने चारों को अदालत में पेश किया था. सीआईए ने मामले में तीन तमंचे व सात कारतूस बरामद किए थे. जिसमें अक्षय की निशानदेही पर दो तमंचे व पांच कारतूस तथा आनंद की निशानदेही पर एक तमंचा व दो कारतूस बरामद किए थे.
अदालत ने मामले में अक्षय को हत्या का दोषी करार दिया है. वह वारदात में सुनील के साथ आया था. उसे उम्रकैद व पांच हजार रुपये जुर्माना व अवैध शस्त्र अधिनियम में तीन साल कैद व दो हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना न देने पर आठ माह अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी. आनंद का मामला विचाराधीन है. वहीं अनिल व दलबीर को बरी कर दिया गया.