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सोनीपतः गोहाना सेक्टर-7 से मुक्त कराई गई किशोरी, डेढ़ साल से हो रही थी अत्याचार की इंतेहा

झारखंड की रहने वाली किशोरी के साथ जानवरों से बदतर सलूक किया जाता था. जबरन काम कराया जाता था और काम ना करने पर मारपीट की जाती थी. मानवता भूल चुकी मकान मालकिन और उसकी बेटियों ने किशोरी के साथ अत्याचार कि इंतेहा कर दी थी.

Gohana
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Published : Jan 30, 2020, 8:21 AM IST

सोनीपतः गोहाना सेक्टर-7 में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मानव तस्करी का एक मामला सामने आया है. जिला बाल संरक्षण विभाग, श्रम विभाग और चाइल्ड लाइन की संयुक्त टीम ने सेक्टर-सात स्थित एक मकान से एक किशोरी को मुक्त कराया. आरोप है कि मुकेश नाम के शख्स ने मकान में एक किशोरी को डेढ़ साल से बंधक बनाकर रखा गया था और उससे जबरन काम करवाया जाता था.

किशोरी के साथ होता था जानवरों से भी बदतर सलूक
काम ना करने पर किशोरी के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक किया जाता था. किशोरी के साथ मारपीट की जाती थी, पीटने से किशोरी केशरीर और चेहरे पर जहां-तहां बने निशान साफ दिखाई दे रहे हैं. यहां तक की मकान मालिक की बेटी ने किशोरी पर गर्म पानी तक डाल दिया था. जिससे उसके हाथ और पैर बूरी तरह से जल गए हैं. किशोरी के पूरे शरीर पर पड़े मारपीट के निशान और जख्म उसके साथ हो रही हैवानियत की कहानी बता रहे हैं.

सोनीपतः गोहाना सेक्टर-7 से मुक्त कराई गई किशोरी, डेढ़ साल से हो रही थी अत्याचार की इंतेहा

किशोरी तक कैसे पहुंचा प्रशासन ?
जिला बाल संरक्षण कार्यालय की सोशल वर्कर कविता को सूचना मिली थी कि गोहना के सेक्टर-7 में एक घर में काम करने के लिए एक किशोरी को बंधक बनाकर रखा गया है. जिसके बाद सोशल वर्कर कविता, चाइल्ड लाइन काउंसलर शीला, अशोक, श्रम विभाग से निरीक्षक रोशन लाल की टीम जांच के लिए सेक्टर-7 पहुंची. जब टीम मकान पर पहुंची तो उस दौरान मकान मालिक की पत्नी किशोरी के साथ मारपीट कर रही थी. उसके हाथ ही जले हुए थे. टीम ने महिला को रोका और किशोरी के बारे में जानकारी जुटाई. जांच में पाया कि किशोरी झारखंड के जिला पांखुड की रहने वाली है.

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डेढ़ साल पहले दिल्ली में एक एजेंसी पर छोड़ गया था भाई
पूछताछ में पता चला कि किशोरी के माता-पिता की मौत हो गई थी. इसके बाद करीब डेढ़ साल पहले किशोरी को उसका भाई दिल्ली में एक एजेंसी पर काम करने के लिए छोड़ गया था. जहां से गोहाना के सेक्टर-7 निवासी शख्स उसे अपने घर पर काम करने के लिए लेकर आया. किशोरी पिछले करीब डेढ साल से गोहाना में रह रही थी.

वेतन भी बैंक खाते में डाला जा रहा था
पूछताछ में बताया कि घर पर काम करने के बदले किशोरी को वेतन भी दिया जाता था. यह वेतन एक बैंक खाते में डाला जाता है. मकान मालिक हर महीने बैंक खाते में रुपये डालता था. पुलिस का कहना है कि खाता किसका है, इसकी जानकारी जुटाई जाएगी. किशोरी को मुक्त कराने के बाद पुलिस ने नागरिक अस्पताल में उसका मेडिकल कराया.

पुलिस की कार्रवाई पर निगाहें
मामला मानव तस्करी से जुड़ा है. इसलिए अब देखना होगा कि पुलिस आरोपियों पर क्या कार्रवाई करती है और किन-किन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज होता है और मामले में शामिल सभी लोगों को पुलिस कब तक गिरफ्तार कर पाती है. क्योंकि जिस तरह के हैवानियत मुकेश और उसके परिवार ने किशोरी के साथ की है, उसे देखकर ही दिल दहल जा रहा है.

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