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Farmers Protest: सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक शुरू, राकेश टिकैत नहीं हुए शामिल

शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा बैठक (samyukt Kisan Morcha meeting) शुरू हो चुकी. इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत को छोड़कर सभी बड़े नेता और तमाम किसान संगठनों के प्रतिनिधि 29 मार्चा को संसद घेराव (farmers Sansad gherao) और आंदोलन के भविष्य की रणनीति तैयार करेंगे.

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Farmers Protest: सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक शुरू

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Published : Nov 27, 2021, 1:47 PM IST

सोनीपत:हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर स्थित सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन के भविष्य की रणनीति को लेकर बैठक (samyukt Kisan Morcha meeting) कर रही है. मीटिंग में इस बात पर भी चर्चा होगी कि सरकार से अगर बातचीत होती है, तो क्या बातें रखी जाएंगी. बताया जा रहा है कि मुख्य रूप से मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजा देने, किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस लेने और एमएसपी के मुद्दे पर सरकार तक मांग पहुंचाने की रणनीति इस मीटिंग में तय होगी.

बता दें कि किसान पहले ही बता चुके हैं, कि 29 नवंबर को दिल्ली जाने का प्लान है. ट्रैक्टर लेकर दिल्ली जाएंगे. जिसके चलते दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर दोबारा बैरिकेड लगा दिए हैं. इस मुद्दे पर भी मीटिंग में चर्चा होनी है. मीटिंग में होने वाले निर्णय पर सभी बॉर्डर पर बैठे हुए किसानों की निगाहें टिकी हुई है.

सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक शुरू, देखिए वीडियो

इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत को छोड़कर सभी वरिष्ठ नेता सहित कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. किसान संगठनों की बैठक (farmers meeting at Singhu border) में संसद घेराव (farmers Sansad gherao) और किसान आंदोलन की आगे की रूपरेखा तय करने संबंधी चर्चा की जाएगी. वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ये भी साफ कर चुका है कि कृषि कानून को वापस करने के औपचारिक फैसले आने और तीन कृषि कानून रद्द (Farm Laws Repealed) करने संबंधी नॉटिफिकेशन जारी कर इसे सार्वजनिक नहीं करने तक किसान आंदोलन खत्म नहीं होने वाला है.

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गौरतलब है कि बैठक में 29 नवंबर को संसद की ओर कूच (farmer parliament march) करने के कार्यक्रम पर चर्चा होगी. वहीं एमएसपी की गारंटी का कानून, पराली बिल व बिजली बिल में संशोधन को लेकर भी मोर्चा का स्टैंड और आंदोलन के रूप की चर्चा की जाएगी.

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 19 नवंबर को देश के नाम संबोधन करते हुए कहा था कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानून वापस लेने का फैसला (Farm Laws Repealed) किया है.

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