सोनीपत:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानून वापस (Farm laws withdrawal) लेने का ऐलान किया था. साथ ही पीएम मोदी ने दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों से आंदोलन खत्म कर घर लौटने की अपील भी की थी. जिसके बाद आंदोलनरत किसानों और उनके परिवारों में खुशियों का माहौल छा गया. हालांकि पीएम मोदी के ऐलान के बाद भी किसान आंदोलन जारी रहा. जिसके चलते किसानों ने आंदोलन के भविष्य की रणनीति को लेकर सिंघु बॉर्डर पर एक बैठक (Samyukt Kisan Morcha meeting) का आयोजन किया.
इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा सहित कई किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, लेकिन किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत बैठक में शामिल नहीं हुए. मिली जानकारी के मुताबिक राकेश टिकैत लखनऊ में आयोजित महापंचायत में शामिल होने जाएंगे. इसकी वजह से वे एसकेएम की इस बैठक में शामिल नहीं हुए. किसान संगठनों ने बैठक में किसान आंदोलन की आगे की रूपरेखा तय करने संबंधी चर्चा की. इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ कर दिया है कि कृषि कानून को वापस करने के औपचारिक फैसले आने और कानूनों को रद्द करने संबंधी नॉटिफिकेशन जारी कर इसे सार्वजनिक नहीं करने तक किसान आंदोलन खत्म नहीं होने वाला है.
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साथ ही इस बैठक में पहले से तय कार्यक्रमों को नीयत रूप से करने का फैसला किया गया है. गौरतलब है कि बैठक में कल यानि 22 नवंबर को लखनऊ में होने जा रही महापंचायत को भी अपने निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक करने का फैसला लिया गया है. साथ ही 29 नवंबर को संसद की ओर कूच (farmer parliament march) करने के कार्यक्रम पर 27 नवंबर को होने वाली बैठक में फैसला लेने की बात कही गई.