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शहीद स्मारक के लिए जमीन तलाश रहा SKM, आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों की याद में बनाया जाएगा स्मारक

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Published : Dec 10, 2021, 8:47 PM IST

केंद्र सरकार ने किसानों की मांगों पर लिखित सहमति दे दी है. हालांकि सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा की शहीद स्मारक बनाने की मांग पर सहमति नहीं जताई. जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा अपने स्तर पर सोनीपत-कुंडली बॉर्डर पर शहीद स्मारक (farmers martyr memorial at Sonipat) बनाने के लिए जमीन की तलाश कर रहा है.

farmers martyr memorial at Sonipat
farmers martyr memorial at Sonipat

सोनीपत: केंद्र सरकार ने किसानों की सभी मांगों पर अपनी सहमति दे दी है. जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा और किसान नेताओं ने आंदोलन को स्थगित कर दिया है. हालांकि सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा की आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के लिए शहीद स्मारक बनाने की मांग पर सहमति प्रकट नहीं की. जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा अपने स्तर पर शहीद स्मारक बनाने (farmers martyr memorial at Sonipat) जा रहा है.

गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में चले किसान आंदोलन में 700 से ज्यादा किसानों ने अपनी जान गंवाई है. जान गंवाने वाले किसानों के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने सरकार से किसानों की याद में शहीद स्मारक के लिए जमीन की मांग भी की थी, लेकिन सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा की इस मांग को अस्वीकार कर दिया. इसके बाद अब संयुक्त किसान मोर्चा सोनीपत-कुंडली बॉर्डर पर शहीद स्मारक के लिए जमीन तलाश रहा है और संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का दावा है कि वह यहां पर जल्द से जल्द जमीन तलाश कर शहीद स्मारक बनाएंगे. जिससे इस किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को शहादत दी जा सके.

शहीद स्मारक के लिए जमीन तलाश रहा संयुक्त किसान मोर्चा, आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों की याद में बनाया जाएगा स्मारक

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किसान नेता दीप खत्री ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा को शहीद स्मारक के लिए सरकार ने जमीन नहीं दी है. अब संयुक्त किसान मोर्चा किसान आंदोलन में शहादत पाने वाले किसानों के लिए जमीन तलाश रहा है और वहां पर शहीद स्मारक बनाया जाएगा. जिन पर स्वर्ण अक्षरों में किसानों के नाम लिखे जाएंगे. जिससे आने वाली पीढ़ी इस किसान आंदोलन को याद रख सके. दीप खत्री ने बताया कि अभी संयुक्त किसान मोर्चा के पास लगभग एक करोड़ रुपए चंदा जमा है. साथ ही कुंडली और टिकरी बॉर्डर पर मुख्य मंच की लागत लगभग 30 लाख और 16 लाख रुपये आई थी. जिनको भी हम बेच रहे हैं, ताकि उससे भी कुछ फंड इकट्ठा किया जा सके.

गौरतलब है कि अब संयुक्त किसान मोर्चा के एलान के बाद सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से किसान घर वापसी कर रहे हैं. साथ ही घर वापसी के लिए शनिवार को होने वाले किसान फतेह मार्च के लिए किसान जोरों-शोरों से तैयारियां कर रहे हैं. सोनीपत-कुंडली बॉर्डर से आज भी काफी संख्या में किसान अपने घरों की तरफ रवाना हुए.

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