सोनीपत:तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन (Farmers protest) लगातार जारी है. 26 नवंबर को किसान आंदोलन को 1 साल पूरा होने जा रहा है, लेकिन सरकार और किसान नेताओं के बीच में बातचीत पर डेड लॉक लगा हुआ है. ऐसे में आज संयुक्त मोर्चा (samyukt kisan morcha meeting) के किसान नेताओं ने आंदोलन के भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर बैठक की. इस बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी समेत देश के सभी बड़े किसान नेता पहुंचे.
सिंघु बॉर्डर पर कई घंटों तक चली ये बैठक शाम 6 बजे के आसपास हो गई. बैठक में फैसला लिया गया कि 26 नवंबर से किसान आंदोलन में किसानों की संख्या बढ़ाई जाएगी. वहीं 29 नवंबर से टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से 500-500 किसानों का एक जत्था संसद कूच करेगा. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने ये जानकारी दी. वहीं इस दौरान किसान संगठनों में दरार भी देखने को मिली. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (gurnam charuni) बैठक से नाराज होकर निकल गए.
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भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के नेता 26 नवंबर को दिल्ली कूच पर अड़े गए. संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाहर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के लोगों ने संयुक्त मोर्चा के खिलाफ हूटिंग भी की. उन्होंने गुरनाम सिंह चढूनी को अपना नेता बता कर संयुक्त मोर्चा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत (rakesh tikait) माहौल को संभालते हुए नजर आए. टिकैत का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वो ये कहते नजर आ रहे हैं कि अगर सब ऐसा ही बर्ताव करेंगे तो संगठन की ऐसी-तैसी हो जाएगी. जिसके बाद किसान नेताओं ने मीडिया के कैमरे बंद करवा दिए.