सोनीपत: रजिस्ट्री के नाम पर भ्रष्टाचार की शिकायत विधायक निर्मल चौधरी को मिली, तो वो गन्नौर तहसील में जांच करने के लिए पहुंची. दरअसल, विधायक को शिकायत मिली थी कि तहसील में रजिस्ट्री कराने की एवज में रिश्वत मांगी गई है. जिसके बाद विधायक ने पुरानी रजिस्ट्रियों को मंगवाया और उनकी जांच की. जांच में सामने आया कि 15 मई को जो रजिस्ट्रियां हुई थी उनमें गड़बड़ी हुई है. बिना एनओसी के भी रजिस्ट्री की गई थी. इसी दिन गन्नौर तहसील में करीब 77 से 80 रजिस्ट्रियां हुई थी.
वहीं, विधायक जब भ्रष्टाचार के आरोप की जांच करने तहसील ऑफिस पहुंची, तो वहां हड़कंप मच गया. जब जांच की तो पाया कि रजिस्ट्री बिना हस्ताक्षर के की गई है. जिसके बाद निर्मल चौधरी ने नायब तहसीलदार से जवाब मांगा. इस दौरान नायब तहसीलदार संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया. बाद में सामने आया कि 15 मई को सभी रजिस्ट्रियां नायब तहसीलदार की आईडी के जरिए ही हुई थी. जांच के दौरान मौके पर ही नगर पालिका अध्यक्ष अरुण त्यागी भी मौजूद थे.
निगरानी कमेटी के चेयरमैन भूषण हसीजा ने विधायक को बताया कि तहसील में रजिस्ट्री की एवज में रिश्वत मांगी जाती है. अवैध कॉलोनियों में ज्यादा पैसों की डिमांड की जाती है. उन्होंने इस मामले में जांच करने की मांग की. विधायक निर्मल चौधरी ने इस शिकायत के बाद उच्च स्तरीय जांच करवाकर हरियाणा सीएम मनोहर लाल से कार्रवाई की मांग करने की भी बात कही है. इस दौरान निर्मल चौधरी ने कहा कि भ्रष्टाचार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.