सोनीपत: नाहरी गांव के किसान परिवार में जन्मे पहलवान रवि दहिया (Ravi Dahiya Wrestler) अब टोक्यो ओलिंपिक 2021 (Tokyo Olympics 2021) में दमखम दिखाएंगे. रवि दहिया के टोक्यो ओलंपिक के लिए 57 किलो भार वर्ग में चयन हुआ है. रवि के परिवार और गांव के लोगों को उम्मीद है कि उनका बेटा मेडल लाकर देश में उनका नाम रोशन करेगा. रवि ओलंपिक में पदक के लिए पोलैंड में कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
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नाहरी गांव में जन्में रवि का रुझान स्कूल में ही कुश्ती की तरफ हो गया था. 8 साल की उम्र में ही रवि ने कुश्ती के अखाड़े में अपने प्रतिद्वंदियों को पटखनी देना शुरू कर दिया था. घरवालों ने भी रवि का भरपूर साथ दिया. परिजनों का साथ और रवि की कड़ी मेहनत का नतीजा हैं कि वो आज टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2021) में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. साल 2015 में जूनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में चोटिल होकर रवि अखाड़े से दूर हो गए थे.
8 साल की उम्र में रवि दहिया ने शुरू की थी पहलवानी, अब ओलंपिक में पदक के लिए बहा रहे पसीना चोट की वजह से उन्हें 3 साल अखाड़े से दूर रहना पड़ा. साल 2018 में चोट से उबरने के बाद एक बार फिर रवि अखाड़े में वापस लौटे और देश के लिए नेशनल चैंपियनशिप में कई मेडल जीते. रवि ने 2015 जूनियर एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, साल 2015 जूनियर विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक, 2018 अंडर 23 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक, 2019 सीनियर विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक, 2020 और 21 एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते हैं.
पहलवान रवि दहिया की उपलब्धियों पर एक नजर रवि के पिता राकेश ने कहा कि बाकी बच्चों को देखते हुए वो बचपन से ही कुश्ती की प्रेक्टिस करने लगा था. गांव के अखाड़े से ही रवि ने कुश्ती की शुरुआत की. इसके बाद रवि छत्रसाल स्टेडियम में चले गए और वहीं उन्होंने अपने कैरियर को नई दिशा दी. राकेश ने बताया कि रवि में बचपन से जुनून था कि वो देश का नाम रोशन करें. उसने देश के नामी पहलवानों से कुश्ती सीखी है और उन्हें देखकर ही वो आगे बढ़ा है.
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रवि के पिता राकेश को रवि की प्रतिभा पर पूरा भरोसा है कि वो देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर आएंगे. रवि के छोटे भाई पंकज ने बताया कि वो 2005 से ही कुश्ती के अखाड़े में अपने दांवपेंच दिखाने लग गया था और उसके बाद मैंने भी उसको देखकर कुश्ती की शुरुआत की. पंकज ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि रवि ओलंपिक में पदक लेकर आएगा.