चंडीगढ़/सोनीपत: बरोदा उपचुनाव को लेकर तारीखों के ऐलान के बाद से प्रदेश में सियासी पारा गर्माता जा रहा है. सभी पार्टियों के नेता लगातार एक के बाद एक बैठकें और रैलियां कर रहे हैं. इस सीट पर कांग्रेस के पास कृषि कानून, बर्खास्त पीटीआई, शराब घोटाला जैसे तमाम मुद्दे हैं तो वहीं सरकार के पास विकास का मुद्दा है. कौनसा मुद्दा किस पर भारी पड़ेगा. अभी ये कहना मुश्किल है. फिलहाल हम शनिवार के चुनावी क्रम पर नजर डालते हैं.
कृषि कानून के खिलाफ हो रहे विरोध और हाथरस कांड के बीच शनिवार को बरोदा विधानसभा क्षेत्र में नेताओं की ज्यादा भीड़ तो नहीं दिखी, लेकिन प्रशासन की ओर से चुनाव को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं. कोई नेता आचार संहिता का उल्लंघन करता मिले तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए कर्मचारी और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई हैं. इसी के चलते गोहाना लघु सचिवालय में एसडीम ने बैठक की. जिसमें एसडीम आशीष वशिष्ठ ने सभी अधिकारियों की ड्यूटियां लगाईं, उनको चुनाव को लेकर ट्रेनिंग भी दी.
शनिवार को हाथरस कांड और किसान आंदोलन के बीच ठंडा दिखा बरोदा का रण बीजेपी-इनेलो की ओर से चुनाव को लेकर कोई डेवलपमेंट नहीं दिखा. वहीं कांग्रेस पार्टी की ओर से जो बैठक होने वाली थी वो भी हाथरस कांड की वजह से स्थिगित हो गई. क्योंकि हरियाणा कांग्रेस के कई दिग्गज नेता हाथरस के लिए राहुल गांधी के साथ गए. जो बैठक 3 अक्टूबर को होने वाली थी, अब वो रविवार 4 अक्टूवर को होगी. इस बैठक में हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक मौजूद रहेंगे. कांग्रेस की ओर से पहले ही बरोदा उप चुनाव के लिए टिकट पाने के इच्छुक दावेदारों को 6 अक्टूबर तक हरियाणा कांग्रेस के दिल्ली कैंप ऑफिस में आवेदन देने को कहा है.
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बता दें कि पूरे देश में 56 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इनमें से एक सीट हरियाणा की है. हरियाणा में बरोदा सीट पर उपचुनाव होना है. यहां से विधायक श्री कृष्ण हुड्डा की मौत हो गई थी. उनकी सीट खाली होने पर यहां उपचुनाव हो रहा है. इस सीट पर 3 नवंबर को वोटिंग होगी और 10 नवंबर को परिणाम आएंगे. सियासी दावों और वादों के बीच किस के सिर पर ताज सजेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.