सोनीपत: पूरे विश्व मे जब से कोविड-19 का प्रकोप फैला है तब से निजी और सरकारी अस्पतालों में नर्सों की मांग में भारी बढ़ोतरी हुई है. हरियाणा में मरीजों के लिए कोविड सेंटर बनाए जाने से सरकारी अस्पतालों में नर्सें कम पड़ने लगी हैं. सरकारी अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों में भी नर्सों की कमी हुई है. हरियाणा में तालाबंदी के बाद से कुछ अस्पतालों ने अपना खर्च कम करने के लिए नर्सों को हटा भी दिया था, जिसके बाद अब अनलॉक होने पर उन्हीं अस्पतालों में नर्सें कम पड़ रही हैं.
कोविड सेंटर में नर्सों की जरूरत
कोरोना के चलते सोनीपत जिले में दर्जन भर के करीब कोविड सेंटर स्थापित किए गए हैं. इन कोविड सेंटर में डॉक्टरों के अलावा नर्सों को भी तैनात किया गया है. ये सभी नर्सें सरकारी अस्पतालों में तैनात थी, जिस कारण अब सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ की कमी हुई है. लॉकडाउन में सरकारी अस्पतालों इलाज के लिए लोगों का आवागमन ना के बराबर रहा जिस कारण से उस समय तो नर्सों की अधिक कमी नहीं खली, लेकिन अनलॉक के बाद सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने से ये कमी खूब खल रही है.
सोनीपत के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीके राजौरा भी मानते हैं कि अस्पतालों में नर्सें कम होने से इलाज प्रभावित हुआ है. उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों को नर्सों की डिमांड के लिए अवगत करवाया गया है, जिसको जल्द ही पूरा किया जाएगा. इसके अलावा नर्सों के कमी को देखते हुए अलग-अलग नर्सिंग स्कूलों से 50-50 की संख्या में नर्सिंग छात्रों की सेवाएं भी ली जा रही हैं.
नर्सों के पद खाली
हरियाणा में पैरामेडिकल स्टाफ के लिए नर्स के 1,432 पद खाली हैं. राज्य में 3656 नर्सों की जरूरत है लेकिन फिलहाल 2,224 नर्सें काम कर रही हैं. दूसरी तरफ राज्य में 559 मल्टी पर्पस हेल्थ वर्कर की कमी है. बता दें कि हरियाणा में 59 अस्पतालों, 119 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 486 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 2,630 उप-केंद्रों सहित 3,294 स्वास्थ्य संस्थानों का एक नेटवर्क है.