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कोरोना से बदला इलाज का तरीका, फ्लू के मरीजों की प्राइवेट अस्पताल में एंट्री नहीं - प्राइवेट अस्पताल कोरोना

कोरोना वायरस के खौफ के कारण कई मरीज अस्पताल जाने से डर रहे हैं. हालांकि प्राइवेट अस्पताल कोरोना वायरस को ध्यान में रखकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. उनकी प्राथमिकता यही है कि अस्पताल में कोरोना वायरस ना फैले.

No entry in private hospital of flu patients in gohana sonipat
No entry in private hospital of flu patients in gohana sonipat

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Published : Jul 11, 2020, 9:32 PM IST

सोनीपत: कोरोना वायरस ने प्राइवेट अस्पतालों में इलाज का तरीका बदल दिया है. गोहाना के प्राइवेट अस्पताल कोरोना वायरस को ध्यान में रख कर अन्य बीमारियों का इलाज कर रहे हैं. प्राइवेट अस्पताल इस बात पर जोर देते हैं कि मरीज किसी सामान को ना छुए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो. वहीं, प्राइवेट अस्पताल फ्लू और कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को गेट से ही सरकारी अस्पताल या कोविड केयर सेंटर इलाज के लिए रेफर कर देते हैं.

कोरोना से बदला इलाज का तरीका, देखें वीडियो

प्राइवेट अस्पताल में ओपीडी मरीजों के लिए सावधानी

  • प्राइवेट अस्पताल में कोविड-19 वायरस को ध्यान में रख कर इलाज किया जा रहा है.
  • जो मरीज बाहर से क्लीनिक में आते हैं उनका पहले तापमान जांचा जाता है.
  • फ्लू के लक्षण होने पर उन्हें कोविड अस्पताल रेफर कर दिया जाता है.
  • अन्य बीमारी के इलाज के लिए आए मरीजों का इलाज किया जाता है.
  • अस्पताल में पहुंचने से पहले मरीजों को हाथ साफ करवाए जाते हैं.
  • इसके लिए प्राइवेट अस्पताल में सैनिटाइजिंग मशीन लगाई गई हैं.
  • सैनिटाइजेशन के बाद मरीजों को डॉक्टर के पास भेजा जाता है.
  • मरीजों को डॉक्टर के बीच पर्याप्त दूरी रखी जाती है.
  • दिन में दो से तीन बार पूरे अस्पताल को सैनिटाइज किया जाता है.
  • मरीज, डॉक्टर और अस्पताल का स्टाफ पूरे समय मास्क पहने रहते हैं.

मरीज डरें नहीं बीमारी का इलाज करवाएं-डाक्टर

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य डॉक्टर गजराज सिंह कौशिक ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल की ओपीडी सावधानी के साथ चलाई जा रही है. ओपीडी में अन्य बीमारियों का इलाज किया जा रहा है. मरीज डरे नहीं और अपनी बीमारी का इलाज करवाए. उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले प्रत्येक मरीज के लिए सैनिटाइजर मशीन लगाई गई है. मरीजों की पहले अच्छे तरीके से हाथों की सफाई करवाई जाती हैं. उसके बाद मरीजों का इलाज किया जा रहा है. मरीजों की चेकिंग के दौरान ओपीडी में सुरक्षा कवज लगाया गया है. ताकि ओपीडी में मरीज और डॉक्टर के बीच दूरी बनी रहे. अगर किसी में कोविड-19 वायरस के लक्षण दिखते हैं तो उसको तुरंत कोरोना जांच के लिए कहा जाता है. उन्होंने बताया कि दिन में दो से तीन बार पूरे अस्पताल को सैनिटाइज किया जाता है.

फ्लू के मरीजों की अस्पताल में एंट्री नहीं

गोहाना के प्राइवेट नांदल अस्पताल के डॉक्टर धर्मवीर नांदल ने बताया कि सभी मरीजों की पहले गेट पर जांच की जाती है. खांसी, जुकाम वाले मरीजों को दवाई देकर गेट से ही वापस कर दिया जाता है. अगर मरीज को खांसी, जुकाम, बुखार या सांस लेने में हो रही होती है तो उसे सरकारी अस्पताल के लिए रेफर किया जाता है. ताकि वहां पर वो अपना कोविड-19 टेस्ट करा सके. अन्य बीमारी के मरीजों को सोशल डिस्टेंस नियम के अनुसार इलाज किया जाता है. मरीजों को हिदायत दी जाती है कि किसी सामान को ना छुएं.

क्या बोले मरीज ?

प्राइवेट अस्पाल में इलाज कराने के लिए पहुंचे मरीज राममेहर मलिक का कहना है कि अस्पताल में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ इलाज किया जा रहा है. प्राइवेट क्लीनिक में इलाज कराने के लिए पहुंचे पवन कुमार का कहना है कि अस्पताल में कोरोना वायरस से बचाव के इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई बीमारी है तो इलाज जरूर करवाए.

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