सोनीपत: अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय पराशर ने युवक की हत्या कर शव को पराली में डालकर जलाने के मामले में आरोपी महिला, उसके पति और देवर को दोषी करार दिया है. अदालत ने तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके अलावा दोषियों पर 15-15 हजार रुपये जुर्माना भी किया गया है. जुर्माना अदा न करने पर 7 महीने अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी.
गांव बुसाना निवासी बलजीत ने 3 नवंबर, 2019 को सदर थाना गोहाना पुलिस को बताया था कि उनका 28 साल का बेटा बिजेंद्र 2 नवंबर, 2019 की रात को घर में ही सोया था. जब वो सुबह उठा तो उनका बेटा नहीं मिला था. उसने उसके अपहरण की आशंका जताई थी. जिस पर पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया था. इसी बीच 3 नवंबर 2019 की शाम को सदर थाना गोहाना पुलिस को सूचना मिली थी कि गांव बुसाना निवासी बलजीत के पराली के ढेर में आग लग गई थी. जिसके बाद बलजीत और ग्रामीणों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया तो पराली में एक व्यक्ति के पैर का जला हुआ हिस्सा मिला था.
जली हुई पराली के अंदर शव मिलने की खबर पाने के बाद तत्कालीन सदर थाना प्रभारी कप्तान सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे. पुलिस को पराली के अंदर से व्यक्ति के शव के अवशेष मिले थे. पुलिस को जांच में पता लगा था कि शव रात से लापता बिजेंद्र का था. बिजेंद्र मिठाई बेचने का काम करता था. पुलिस ने बिजेंद्र की कॉल डिटेल निकाली थी तो उसमें रात को गांव के खुशीराम के मोबाइल नंबर पर बात होने का पता लगा था. जिस पर पुलिस ने खुशीराम और उसके भाई प्रताप को गिरफ्तार कर बिजेंद्र हत्याकांड से पर्दा उठा दिया था.
तब पुलिस ने खुलासा किया था कि बिजेंद्र की पत्नी सिलाई करती थी, जिसके चलते पड़ोस की रहने वाली एक महिला उसके पास आती थी. बताया जा रहा है कि बिजेंद्र का उस महिला के साथ बातचीत होती थी. षड्यंत्र के तहत महिला ने बिजेंद्र को घर बुलाया था. जिस पर वह 2 नवंबर, 2019 की रात महिला के कमरे में गया तो वहां पहले से बैठे उसके देवर ने उसकी गर्दन दबा दी. उसके बाद खुशीराम ने लाठी से उसकी पिटाई कर दी, जिससे उसकी मौत हो गई थी. पुलिस ने बाद में महिला को भी गिरफ्तार कर लिया था.