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जानिए क्यों खास हो गया बरोदा उपचुनाव, कैसे एक सीट बन गई इतनी जरूरी ? - बरोदा उपचुनाव मतदान 3 नवंबर

हरियाणा में बरोदा उपचुनाव को लेकर पिछले 6 महीनों से चुनावी माहौल बना हुआ था. रविवार शाम को आखिरकार चुनाव प्रचार थम गया और अब सबको मतदान होने और परिणाम आने का इतंजार है, लेकिन ये उपचुनाव बेहद खास भी बन गया. पढ़िए कि आखिर कैसे एक सीट पर होने वाला ये उपचुनाव इतना खास बन गया.

Baroda by-election news update
Baroda by-election news update

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Published : Nov 2, 2020, 9:19 AM IST

सोनीपत: बरोदा विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव इन दिनों सुर्खियों में है. इस उपचुनाव के रण में प्रदेश के सभी महारथियों ने हिस्सा लिया. चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद से ही सरकार और विपक्ष के सभी नेताओं ने एक ना एक बार बरोदा क्षेत्र की खाक जरूर छानी. नामांकन दाखिल करने के बाद से चुनाव प्रचार थमने तक पूरी सरकार और पूरा विपक्ष बरोदा में जुटा रहा. इस वजह से पूरे प्रदेश में बरोदा का नाम हर जुबां पर चढ़ गया.

उपचुनाव को लेकर प्रचार अभियान की शुरुआत होने के बाद से मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला सहित अन्य विधायक व मंत्री बरोदा में ही डेरा डाले रहे. दरअसल, बरोदा जीतकर बीजेपी-जेजेपी सरकार जहां अपने कामों पर मुहर लगाना चाहती है और कृषि कानून को लेकर समर्थन दिखाना चाहती है, वहीं कांग्रेस और अन्य दल यहां जीत दर्ज कर सरकार विरोधी माहौल का दावा पुख्ता करना चाहते हैं.

सरकार के मंत्रियों की लगी ड्यूटी

बरोदा उपचुनाव को भाजपा अवसर और चुनौती दोनों रूप में ले रही है. इसलिए उपचुनाव को लेकर भाजपा के सभी मंत्रियों की ड्यूटी बरोदा में लगी दी गई थी. इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ और संगठन से जुड़े पदाधिकारी भी बरोदा की जनता के बीच रहे. चुनाव प्रचार के अंतिम समय में दो दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी ताबड़तोड़ हलके के 10 गांवों का दौरा किया. केबिनेट मंत्री अनिल विज, कंवर पाल गुर्जर, जेपी दलाल, रणजीत चौटाला, मूलचंद शर्मा, बनवारी लाल, कमलेश ढांडा, संदीप सिंह, अनूप धानक के अलावा सांसद रमेश कौशिक, अरविंद शर्मा और संजय भाटिया ने भी बरोदा में डेरा डाला.

कांग्रेस ने सभी विधायकों को उतारा मैदान में

बरोदा हलके में अपना विजयी सफर जारी रखने के लिए कांग्रेस ने अपने सभी 30 विधायकों को बरोदा के मैदान उतार दिया था. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने प्रचार अभियान की कमान संभालते हुए नामांकन के दिन से ही रोजाना क्षेत्र का भ्रमण किया. इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा भी अपने प्रत्याशी के लिए मैदान में नजर आईं. एक दिन और एक बार ही सही, लेकिन कांग्रेस के सभी विधायक मैदान में जरूर नजर आए.

गांव-गांव घूमा चौटाला का रथ

इंडियन नेशनल लोकदल ने भी प्रचार अभियान में अपनी पूरी ताकत झोंक दी. पार्टी के विधायक अभय सिंह चौटाला चौपालों पर ग्रामीणों के साथ गुफ्तगू करते रहे तो पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला रथ लेकर हलके के गांव-गांव में लोगों से रूबरू हुए. प्रचार के अंतिम चरण में ओमप्रकाश चौटाला ने ही एक मात्र बड़ी रैली की. पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला 23 से 31 अक्टूबर तक केवल दो दिन छोड़कर लगातार बरोदा की जनता के बीच रहे.

खैर रविवार को शाम को चुनाव प्रचार थम गया. इस उपचुनाव में जीत का परचम लहराने के लिए सत्ताधारी पार्टी से लेकर विपक्षी तक हर किसी ने अपनी जान झोंक दी है. अब तीन नवंबर को मतदान होगा और 10 नवंबर को पता चलेगा कि बरोदा में किसका परचम लरहराएगा.

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