सोनीपत: हरियाणा के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं, कुश्ती में रवि दहिया बजरंग पुनिया तो जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा और अन्य खेलों में हरियाणा के खिलाड़ी विदेशी धरती पर तिरंगे की आन-बान-शान के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं. हम आपको हरियाणा के सोनीपत जिले की रहने वाली एक ऐसी खिलाड़ी से मिलवाने जा रहे हैं, जिसकी कहानी सुनकर आपकी आंखों से आंसू आ जाएंगे. आप इस बेटी पर गर्व करेंगे.
जूनियर हॉकी टीम की कप्तान प्रीति का सफरनामा: सोनीपत की रहने वाली बेटी और महिला जूनियर हॉकी टीम की कप्तान प्रीति के संघर्ष की कहानी जबरदस्त जुनून से भरी है. महिला जूनियर हॉकी टीम की कप्तान प्रीति का संघर्ष वाकई काबिल-ए-तारीफ है. प्रीति अपने माता पिता की इकलौती बेटी है और उसके घर की आर्थिक स्थिति की बात करें, तो प्रीति के पिता शमशेर राजमिस्त्री का काम करते हैं. मां ने भी किसानों के खेतों में मजदूरी की है. प्रीति के परिवार के हालात आर्थिक तौर पर भले ही कमजोर हों, लेकिन प्रीति के हौसले उतने ही दमदार हैं.
उधार पर हॉकी स्टिक लेकर सपने की ओर पहला कदम:दरअसल, प्रीति जब 10 साल की हुई तो उसके पड़ोस की रहने वाली लड़कियां सोनीपत के ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में बने हॉकी ग्राउंड में खेलने जाती थीं. वहीं, से प्रीति को हॉकी में दिलचस्पी बढ़ गई. उसने परिवार को बिन बताए आपने हाथों में उधार ली गई हॉकी स्टिक थाम ली. जिसके बाद कभी भी प्रीति ने हाथ से हॉकी स्टिक नीचे नहीं रखी. आज प्रीति देश की महिला जूनियर हॉकी टीम की कप्तान है और उसके संघर्ष की कहानी बाकि युवा पीढ़ी के लिए मिसाल बन रही है.
मुश्किलों के आगे बिखेरे सफलता के रंग: प्रीति के पिता शमशेर सिंह बताते हैं कि, वह नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी खेलने के लिए बाहर जाए. लेकिन, प्रीति छुपकर भी बाहर खेलने गई है. वह घर वापस आकर ही बताती थी कि वह ग्राउंड पर खेलने के लिए गई थी. लेकिन, जिस समय प्रीति ने खेलना शुरू किया, तब उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी. जिसके कारण वह प्रीति के खानपान का भी अच्छे से ध्यान नहीं रख पाते थे. लेकिन, प्रीति में हिम्मत नहीं हारी और आज उनकी मेहनत रंग लाई. उनके परिवार के लिए गर्व की बात है कि आज उसका चयन जूनियर महिला हॉकी टीम की कप्तान के रूप में हुआ है.
कोच को प्रीति पर गर्व: प्रीति की कोच व पूर्व महिला हॉकी टीम की कप्तान प्रीतम सिवाच का कहना है कि, हमारे ग्राउंड की बेटियां जब अच्छा खेलते हुए टीम में सेलेक्ट होती हैं. तो हमें बहुत खुशी होती है. वहीं, ग्राउंड की तीन खिलाड़ियों का चयन जूनियर हॉकी टीम में हुआ है. जिनमें से प्रीति जूनियर हॉकी टीम की कप्तान बनी है. वह भी इसी ग्राउंड पर खेलती हुई हॉकी में सेलेक्ट हुई हैं.